उनके साथ डीएफसीसी का कार्य देख रही भारतीय कंपनी एल एंड टी के अधिकारी भी मौजूद थे। डीएफसीसी के सहायक परियोजना प्रबंधक मदनमोहन रत्नू ने जापानी अभियंता दल को अजमेर क्षेत्र में मदार से पालनपुर के बीच परियोजना की प्रगति के बारे में बताया।
प्रभावित परिवारो ने बताई समस्या
मदार से दौराई के बीच निरीक्षण के समय सुभाषनगर में डीएफसीसी प्रभावित परिवारों ने जापानी अभियंताओं को समस्याओं से अवगत कराया। घर बचाओ संघर्ष समिति के सचिव शक्तिसिंह चौहान ने उन्हें जानकारी दी कि मुआवजा तय करने में हुई अनियमितताओं की वजह से अनेक परिवार अपनी सम्पत्ति देने पर सहमत नहीं है।
मदार से दौराई के बीच निरीक्षण के समय सुभाषनगर में डीएफसीसी प्रभावित परिवारों ने जापानी अभियंताओं को समस्याओं से अवगत कराया। घर बचाओ संघर्ष समिति के सचिव शक्तिसिंह चौहान ने उन्हें जानकारी दी कि मुआवजा तय करने में हुई अनियमितताओं की वजह से अनेक परिवार अपनी सम्पत्ति देने पर सहमत नहीं है।
मुआवजा प्रकरण को लेकर ही अनेक प्रकरण न्यायालय में भी विचाराधीन है। अवाप्ति प्रक्रिया की वजह से ही अजमेर क्षेत्र में डीएफसीसी परियोजना में अड़चनें आ रही हैं। उन्होंने जापानी अभियंताओं को बताया कि जब तक मुआवजा वास्तविक बाजार दर से तय नहीं होता तब तक परियोजना के लिए मकान अथवा भूखंड नहीं दिए जाएंगे।
पुलिस के अनुसार पहाडग़ंज क्षेत्र में रहने वाली 60 वर्षीय चन्द्रकला पत्नी भगवान सिंह पड़ोसन विद्यादेवी पत्नी मानसिंह के साथ शुक्रवार शाम को हलवाई मंगल कश्यप के काम के लिए पुष्कर गई थी। रविवार सुबह कामकाज निपटाने के बाद चन्द्रकला और विद्यादेवी लॉडिंग टेम्पो चालक खेमचन्द के साथ लौट रही थी।
पुष्कर घाटी में अजमेर की तरफ उतरने के दौरान टेम्पो के ब्रेक फेल हो गए। जिससे टेम्पो का संतुलन बिगड़ गया। तेज रफ्तार टेम्पों चट्टान से टकराने के बाद पलट गया। हादसे में चन्द्रकला, विद्यादेवी और चालक खेमचन्द जख्मी हो गए। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने चन्द्रकला को मृत घोषित कर दिया। इधर सूचना मिलते ही घायलों व मृतका के रिश्तेदार अस्पताल में पहुंच गए।