scriptसुपर स्पेशलिटी सेवाओं को तरस रहे प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज | Government Medical College wait for super specialty service | Patrika News

सुपर स्पेशलिटी सेवाओं को तरस रहे प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज

locationअजमेरPublished: Jun 02, 2019 08:18:23 pm

Submitted by:

CP

-चिकित्सा मंत्री के क्षेत्र अजमेर में भी पिछड़ रहा मेडिकल कॉलेज- न्यूरोलॉजिस्ट जयपुर में 10, कोटा में 3, अजमेर में 1

super specialty service

सुपर स्पेशलिटी सेवाओं को तरस रहे प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. प्रदेश के प्रमुख सरकारी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी सेवाएं पर्याप्त नहीं हैं। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अलावा जोधपुर, उदयपुर, कोटा एवं अजमेर के मेडिकल कॉलेज सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के लिए तरस रहे हैं। कुछ मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी सेवा के पद स्वीकृत ही नहीं हैं तो कुछ में सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक ही नहीं हैं। ऐसे में गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीजोंको दिल्ली, मुम्बई व अहमदाबाद जाकर महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है।
राज्य के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अजमेर के अलावा मेडिकल कॉलेज कोटा, मेडिकल कॉलेज उदयपुर एवं डॉ. एस. एन. मेडिकल कॉलेज जोधपुर में एक भी ऑन्कोलॉजिस्ट सर्जन नहीं है और न ही गेस्ट्रो सर्जन है। ऐसे में ट्यूमर सहित अन्य सर्जरी के लिए मरीजों को महानगरों के निजी मेडिकल कॉलेज एवं उनके संबद्ध अस्पतालों में जाकर महंगे इलाज से जेब कटवानी पड़ रही है। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जहां 10 कार्डियक सर्जन हैं, वहीं अन्य मेडिकल कॉलेजों की हालत खराब है। जोधपुर में तो एक भी कार्डियक सर्जन नहीं है जबकि अजमेर, उदयपुर और कोटा में एक-एक कार्डियक सर्जन से काम चलाया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश के एकमात्र एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर में ही सुपरस्पेशलिटी सेवाएं कुछ हद तक ठीक हैं। मगर यहां भी न्यूरो सर्जन के मात्र दो पद स्वीकृत हैं और एक ही कार्यरत है। जोधपुर मेडिकल कॉलेज में तो न्यूरो सर्जन का पद तक स्वीकृत नहीं है। हालांकि यहां एक न्यूरो सर्जन कार्यरत है। इसी तरह से जेएलएन मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के नाम पर एक यूरोलॉजिस्ट, एक गेस्ट्रोलॉजिस्ट, एक न्यूरो सर्जन एवं एक कार्डियोलॉजिस्ट कार्यरत है। ऐसे में इनकी भी सेवाएं मरीजों को कुछ हद तक ही मिल पा रही हैं।
कैंसर व कार्डियक के हाल

प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज में सुविधा नहीं होने से कैंसर व कार्डियक सर्जरी के लिए मरीजों को मुम्बई, अहमदाबाद, नई दिल्ली, पूना सहित अन्य महानगरों के निजी अस्पताल जाना पड़ रहा है।
अजमेर में नहीं नेफ्र्रोलॉजिस्ट, गेस्ट्रोसर्जन जेएलएन मेडिकल कॉलेज अजमेर में नेफ्रोलॉजिस्ट एवं गेस्ट्रोसर्जन नहीं है। डायलिसिस सेवाएं भी पीपीपी मोड पर कोलकाता की संजीवनी एजेन्सी के माध्यम से संचालित हैं।
चिकित्सा मंत्री के समक्ष सेवा विस्तार की चुनौती

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के लिए प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं का विस्तार करना चुनौती है। अजमेर उनका गृह क्षेत्र होने के कारण यहां सुपरस्पेशलिटी सेवाओं को लेकर ज्यादा उम्मीदें हैं। डॉ. शर्मा अजमेर से पहली बार चिकित्सा मंत्री बने हैं।
स्पेशलिटी अजमेर जयपुर जोधपुर उदयपुर कोटा

स्वीकृत/स्थिति
न्यूरोलॉजिस्ट 1/1 14/10 1/2 2/1 3/3नेफ्रोलॉजिस्ट 2/1 10/4 0/1 2/1 1/1ऑन्कॉलोजिस्ट नहीं 5/1 0/1 नही नहींऑन्कॉलॉ़जिस्टसर्जन नहीं 10/6 नही नही नहींगेस्ट्रोसर्जन नहीं 5/1 नही नही नहींन्यूरोसर्जन 1/1 2/1 0/1 3/2 3/1कार्डियक सर्जन 1/1 10 नही 3/1 1/1
(आंकड़ा स्रोत : संबंधित मेडिकल कॉलेज)
इनका कहना है…

विषय विशेषज्ञों की कमी के चलते मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिस्ट सेवाएं पूरी नहीं मिल पा रही हैं। जल्द ही सभी सुपर स्पेशलिस्ट सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी सोच है कि कैंसर, हार्ट आदि सुपर स्पेशलिटी सेवाएं बेहतर हों और मरीजों का नि:शुल्क इलाज हो।
डॉ. सुभाष गर्ग, चिकित्सा शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो