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सरकार ने ठेके खोले, मंदिरों के कपाट बंद

locationअजमेरPublished: May 28, 2020 04:57:35 pm

Submitted by:

himanshu dhawal

राजस्थान पत्रिका सोशल कनेक्ट :
ब्राह्मण समाज के प्रबुद्धजनों ने वेबमीटिंग में विचार

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अजमेर. भगवान परशुराम के बताए मार्ग का अनुसरण कर ब्राह्मण समाज शुरू से धर्मध्वजा को फहरा रहा है। कोरोना संक्रमण काल में समाज के हर वर्ग तक यथासंभव सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास किया है। हालांकि कोरोना संक्रमण ने ब्राह्मण समाज की भी हालत खस्ता की है। इसमें मंदिर के पुजारी और मध्यमवर्ग सर्वाधिक त्रस्त रहा है। राजस्थान पत्रिका के सोशल कनेक्ट अभियान के तहत बुधवार को ब्राह्मण समाज के प्रबुद्धजनों ने वेबमीटिंग में विचार साझा किए। प्रबुद्धजनों ने कहा कि सरकार ने शराब के ठेके खोल दिए, लेकिन अभी तक मंदिरों को नहीं खोला है। इस पर उन्होंने नाराजगी भी जताई।
लॉकडाउन में ब्राह्मण समाज ने हर वर्ग के लोगों का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है। कोरोना महामारी का मुकाबला करने में राज्य सरकार पूरी तरह से विफल रही है। मंदिर बंद होने से समाज के सभी पुजारियों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। साथ ही ब्राह्मण समाज के युवाओं के लिए विशेष पैकेज जारी किया जाना चाहिए।
-शत्रुघ्न गौतम, पूर्व संसदीय सचिव एवं पूर्व विधायक केकड़ी

कोरोना आपदा के समय सभी को सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए सहयोग करना चाहिए। साथ ही जरूरतमंद को सामथ्र्य के अनुसार सहयोग करना चाहिए। शादी समारोह व मृत्यु जैसे अवसरों पर दूर रहकर भी सहयोग प्रदान कर सकते हंै। सरकारों से अपेक्षा व्यर्थ है। क्योंकि देश पार्टियों की राजनीति से गुजर रहा है।
– डॉ. पी. के. सारस्वत, अध्यक्ष, सारस्वत ब्राह्मण महासभा व पूर्व प्राचार्य जेएलएन मेडिकल कॉलेज-अजमेर
ब्राह्मण समाज की युवा पीढ़ी को ग्रामीण क्षेत्रों से रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है। सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि सभी को राजस्थान में ही रोजगार मिल जाए। राजस्थान पत्रिका का धन्यवाद ज्ञापित करता हूं कि समय-समय पर गुलाबजी कोठारी के सटीक लेख समाज के सभी वर्गों को दिशा दिखाते हैं और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
– श्रीनिवास शर्मा, तहसील अध्यक्ष राजस्थान ब्राह्मण महासभा पीसांगन
कोरोना संक्रमण के दौरान समाज ने हरसंभव सहायता की है। लॉकडाउन के दौरान जो आर्थिक रूप से कमजोर हुए हैं उनकी मदद के हरसंभव प्रयास करने चाहिएं। शहर के विकास कार्य में जितना सहयोग बन पड़े करना चाहिए।
– डॉ. योगेन्द्र ओझा, एडवोकेट अजमेर कोरोना महामारी के समय समाज के हर वर्ग ने अपनी क्षमता के अनुसार योगदान दिया है। ब्राह्मण समाज ने आमजन की सहायता के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। फ्यिोर दी लोटो फाउण्डेशन ने पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था, गरीबों को खाना, मास्क, सेनिटाइजर वितरण करने का कार्य लगन और निष्ठा से कर आमजन को राहत पहुंचाई है।
– कमल पाठक, अध्यक्ष नगर पालिका पुष्कर
कोरोना के कारण मंदिर, तीर्थो के दर्शन, पूजापाठ सांसारिक धार्मिक कर्म पर सरकार ने रोक लगा रखी है। तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट सरकार से अपील करता है कि बाजार, व्यापार सब खोल दिए हैं तो मंदिर व तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं की आवाजाही और पूजा-पाठ से भी रोक हटानी चाहिए। गरीब व जरूरतमंद ब्राह्मण परिवारों को राशन के साथ अगले तीन माह तक नगद राशि भी दी जानी चाहिए, जिससे वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें।
-पंडित गोविन्द पाराशर, प्रवक्ता तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट पुष्कर
ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आने वाले सभी वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जाए, जिससे आर्थिक सहायता मिले। सरकार की ओर से सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में ली जाने वाली फीस में छूट दी जानी चाहिए।
– केदार शर्मा, उपाध्यक्ष राजस्थान ब्राह्मण महासभा केकड़ी

वंदे पुष्कर टीम ने समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक सहायता पहुंचाने का प्रयास किया। आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मण परिवारों को राशन सामग्री, दवाई भी पहुंचाई है। विदेशियों से छह ब्राह्मण परिवार को तीन महीने का राशन और 9 हजार रुपए प्रति परिवार दिलवाए गए। कोरोना में सेवा प्रदान करने वाले विप्र बंधुओं का सम्मान किया गया।
– चंद्रमौलेश्वर पाराशर, एडवोकेट
लॉकडाउन के दौरान ब्राह्मण समाज ने पूरी संवेदनशीलता के साथ समाज के जरूरतमंदों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पक्षियों के लिए परिण्डे लगाए गए। रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। जो बंधु बीपीएल में नहीं आते पर कर्मकांड, पंडिताई करते हैं उनके लिए पैकेज घोषित करें, ताकि वे जीवनयापन कर सकें।
– चन्द्रशेखर शर्मा, अध्यक्ष, राजस्थान ब्राह्मण महासभा किशनगढ़
कोरोना में प्रदेश व जिला स्तर पर आर्थिक मदद के साथ आम लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग पालना करने के लिए प्रेरित किया। समाज में आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति की मदद करना एवं सरकारी स्तर पर मदद करवाकर राहत दिलाई गई।
– नरेश कौशिक, जिलाध्यक्ष राजस्थान ब्राह्मण महासभा

लॉकडाउन के दौरान ब्राह्मण समाज के लोगों ने व्यक्तिगत स्तर पर सहयोग किया। हालांकि सरकार ने जरूरतमंद लोगों तक खाद्य सामग्री पहुंचाने में मदद की, परन्तु मध्यम वर्ग तक नहीं पहुंची। कोरोना के कारण आज भी कई परिवार रोजगार की समस्या से जूझ रहे हैं। सरकार को उनके लिए व्यवस्था करनी चाहिए।
– ईश्वरी प्रसाद शर्मा, सचिव, श्री हरियाणा गौड ब्राह्मण पंचायत किशनगढ़

कोरोना महामारी के दौरान समाज की ओर से रक्तदान किया। जरूरंतमद लोगों तक हरसंभव सहायता भी पहुंचाने का प्रयास किया। ब्राह्मण समाज के पढ़े-लिखे बच्चों के पास रोजगार नहीं है। सरकार को आरक्षण समाप्त कर आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए। इससे समाज को भी लाभ पहुंचे।
– बालमुकुंद शर्मा, महामंत्री राजस्थान ब्राह्मण महासभा किशनगढ़
ब्राह्मण समाज एक मध्यमवर्गीय समाज है जो लॉकडाउन में सरकार की योजना, सहायता व लाभों को प्राप्त करने की श्रेणी में नहीं आता है। लॉकडाउन से मध्यमवर्ग के व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ा है, जो लम्बे समय तक रहेगा। ऐसे में सरकार की ओर से मध्यम वर्ग के लिए लाभकारी योजना बनाई जानी चाहिएं।
-खींवराज शर्मा, एडवोकेट पीसांगन

लॉकडाउन के दौरान निराश्रित गोवंश की स्थिति सर्वाधिक खराब थी। निराश्रित 350 के करीब गोवंश को भामाशाहों के सहयोग से चारे-पानी की व्यवस्था की गई। गोमाता की सेवा पहला ध्येय है।

– दिनेश तिवाड़ी, समाजसेवी पीसांगन

ब्राह्मण समाज के कई लोगों को लॉकडाउन में परेशानी का सामना करना पड़ा। विप्र समाज की ओर से मंदिर के पुजारियों की समय-समय पर सहायता की गई। फैक्ट्रियां बंद होने से वेतन नहीं मिलने से भी काफी दिक्कतें हुई। ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार कर ब्राह्मण भाइयों की भी सहायता की गई।
– सुनील कौशिक, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विश्व ब्राह्मण संगठन

सरकारी स्तर पर कोरोना संक्रमण में व्यवसाय कर रहे ब्राह्मण समाज के लोगों को विशेष राहत पैकेज दिया जाए। इससे वे अपने व्यवसाय को आने वाले समय में चला सकेंगे। ईडब्ल्यूएस में 8 लाख से कम आय वालों को स्थान दिया जाए। उनके व्यापार को सरकारी सहायता दी जानी चाहिए।
– संदीप कुमार शर्मा, केकड़ी

समाज को भले ही वर्ण व्यवस्था में सर्वोच्च स्थान मिला हो, लेकिन हालात इसके विपरीत हैं। ईडब्ल्यूएस व्यवस्था का क्षेत्र व्यापक होना चाहिए। मंदिरों को स्थाई और नियमित अनुदान मिलना चाहिए। मृत्यु भोज एवं खर्चीले रीति रिवाजों पर प्रभावी रोक होनी चाहिए।
– आशुतोष शर्मा, एडवोकेट केकड़ी

ब्राह्मण समाज इस विपत्ति के समय आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक रूप से देश के साथ खड़ा है। समाज का कर्मकांडी और पुजारी वर्ग इस विपत्ति से ज्यादा परेशान और प्रभावित है। सरकार देवस्थान बोर्ड को एक्टिव कर जमीनी स्तर पर समाज की परेशानियों को जाने और उनका निराकरण करे।
– शेखर सिखवाल, जिलाध्यक्ष राजस्थान ब्राह्मण युवा महासभा अजमेर देहात

सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री की ओर से 20 लाख करोड़ की घोषणा मिथ्या और भ्रामक है। इससे गरीबों को नहीं उद्योगपतियों को राहत मिलेगी।
– भुवनेश शर्मा, पार्षद ब्यावर

ब्राह्मण और पंडितों ने हिन्दू धर्म को जीवित रखने, समृद्ध करने और विश्वव्यापी बनाने में योगदान दिया है। लेकिन राजस्थान सरकार ने ब्राह्मणों के प्रति कोरोना महामारी में उदासीनता बरती है। राज्य सरकार ने भी पंडितों/ब्राह्मणों के प्रति द्वेषता पूर्ण व्यवहार किया है।
– जे.के.शर्मा, पार्षद अजमेर

कोरोना महामारी से सभी लोग एक दूसरे की मदद कर हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं। राजस्थान पत्रिका के प्रयास से समाज के व्यक्तियों को बात करने और अपनी बात रखने का मौका मिला।
– दिनेश शर्मा, अध्यक्ष सर्व ब्राह्मण समाज पीसांगन


प्रशासन आमजन पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है। साधु-संतों की हालत दयनीय है। इन्हें खाद्य सामग्री नहीं मिल रही है। अगर प्रशासन इनके श्राप से बचना चाहता है तो इन्हें खाद्य सामग्री उपलब्ध कराए। शराब के ठेकों की जगह मंदिर खुलवाए, ताकि पुजारियों का घर चल सके।
– सूर्य प्रकाश शर्मा, उपाध्यक्ष परशुराम सेना

कोरोना वैश्विक महामारी है और इसे सभी राजनैतिक दलों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनहित में कार्य प्राथमिकता से करने को ही अपना लक्ष्य बनाना होगा। गलतियां सभी से होती हैं, परन्तु उनकी पुनरावृत्ति नहीं करते हुए श्रमिकों को किस तरह उनके घर भेजा जा सकता है इस ओर ध्यान देना चाहिए। मजदूरों के बिना उत्पादन नहीं हो सकता है। सरकार को लघु उद्योगों के लिए नीति बनानी आवश्यक है।
– शैलेश शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष ऑल इंडिया गुड्स व्हीकल ऑनर्स एसोसिएशन

कोराना आपदा के समय पर जारी सभी निर्देशों की पालना कर जरूरतमंदों तक सामथ्र्य के अनुसार सहयोग करना चाहिए। सारस्वत ब्राह्मण समाज की ओर से पीएम केयर फंड में 51 हजार का सहयोग किया। स्वयं सहायता समूह के अन्तर्गत भामाशाह के सहयोग से देशभर में 70 से अधिक परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की है। सरकारों से अपेक्षा व्यर्थ है क्योंकि देश पार्टियों की राजनीति से गुजर रहा है।
-सुशांत शर्मा, कोषाध्यक्ष सारस्वत ब्राह्मण महासभा

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