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अब सरकारी को भूल जाइए जनाब, 2020 से दिखेगा सिर्फ ये…….

locationअजमेरPublished: Oct 19, 2018 03:28:59 pm

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

goverment undertaken college

goverment undertaken college

अजमेर.

प्रदेश के कई इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकारी नियंत्रण में लेने के प्रस्ताव पर एक साल से धुंध छाई है। यह मामला अब तक अटका हुआ है। वहीं राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (नैब) 2020 या इसके बाद सभी संस्थाओं को स्वायत्तशासी बनाने का पक्षधर है। ऐसे में कॉलेज को सरकारी नियंत्रण में जाने का फायदा मिलना मुश्किल है।
अजमेर के बॉयज और महिला सहित झालवाड़ और बारां इंजीनियरिंग कॉलेज राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (कुछ बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय से भी) से सम्बद्ध हैं। विद्यार्थियों की सेमेस्टर और प्रयोगिक परीक्षाएं, पेपर और पाठ्यक्रम निर्माण तकनीकी विश्वविद्यालय करता है। इन कॉलेजों में परीक्षाएं, परिणाम निकालने और प्रवेश कार्यों में विलम्ब से सरकार और विद्यार्थी परेशान हैं।
बीते साल उच्च और तकनीकी शिक्षाविदों ने सीएमओ को एक प्रस्ताव भेजा था। योजनान्तर्गत इन कॉलेज को सरकारी नियंत्रण में लेने और विभिन्न विश्वविद्यालयों का संगठक कॉलेज बनाने की सिफारिश की गई।

मांगी थी कॉलेज से जानकारी
तकनीकी शिक्षा विभाग ने अजमेर के बॉयज और महिला, झालावाड़ और बारां इंजीनियरिंग कॉलेज को सरकारी नियंत्रण में लेने की योजनान्तर्गत जानकारी मांगी। इसके तहत शैक्षिक और अशैक्षिक कार्मिकों का वेतनभार, एक्रिडिटेशन के लिए 80 प्रतिशत पदों की स्थिति, न्यूनतम वित्तीय भार, विद्यार्थियों की फीस से होने वाली आय, स्वायत्तशासी समिति द्वारा लगाए गए कार्मिकों की स्थिति और अन्य सूचनाएं शामिल थी। विभाग ने एकाध कॉलेज को सरकारी नियंत्रण में फैसला भी किया, लेकिन उसके बाद से धुंध छाई हुई है।
ग्रेडिंग और स्वायतत्ता पर जोर

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन (नैब) के नियमों के मुताबिक सभी इंजीनियरिंग कॉलेज को 2020 तक ग्रेडिंग और स्वायत्तशासी संस्थान बनाया जाना है। ऐसे में कॉलेज के सरकारी नियंत्रण में जाने से फर्क नहीं पड़ेगा। मालूम हो कि स्वायत्तशासी योजनान्तर्गत सभी संस्थाओं को आय-व्यय के लिए स्वयं आत्मनिर्भर बनना पड़ता है।
मिलती रही हैं शिकायतें

अजमेर के बॉयज एवं महिला इंजीनियरिंग, झालावाड़, भरतपुर, बांसवाड़ा, बीकानेर और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज पृथक-पृथक स्वायत्तशासी सोसायटी के अधीन संचालित हैं। सरकार और सोसायटी के नियम पृथक हैं। इनमें मनमाने ढंग से नियुक्तियां, पदोन्नतियां, लाखों रुपए की खरीद-फरोख्त की शिकायतें मिलती रही हैं। महंगी कार, पसंदीदा किराए का मकान लेने, टेक्यूप में करोड़ों रुपए का बजट, विदेश यात्रा जैसी सुविधाओं का दुरुपयोग भी हुआ है।

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