इन सरकारी विद्यालयों की स्थिति नाजुक राउमा विद्यालय पीपल का कुआं : विद्यालय का भवन काफी जर्जर हालात में है। कक्षा-कक्षों की दीवारों से प्लास्टर गिर रहा है। जर्जर दीवारें, छत से पानी टपकने से बच्चे पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं।राउमावि नगरा भजनगंज : विद्यालय की छत की दीवारों से चूना-सीमेन्ट झड़ गया है। छत से पानी टपक रहा है। पीछे भवन का हिस्सा कमजोर हो गया है, दीवार का एक हिस्सा टूट गया है।
सुभाष स्कूल गंज : शहर के मध्य सुभाष सी.सै.विद्यालय किराए के भवन में संचालित हैं। विद्यालय के कक्षों की दीवारों में कहीं दीवार है तो कहीं चूना झड़ गया है। इनमें बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। किराए का भवन होने से सरकार की ओर से भी बजट का कोई प्रावधान नहीं है।मरम्मत के बजट का यह है प्रावधान
विद्यालयों में नामांकन के आधार पर विद्यालय के रख-रखाव का बजट जारी किया जाता है। इनमें 25 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक का प्रावधान है। इस मद से भी आवश्यक होने पर बजट का उपयोग किया जाता है।सुरक्षा के लिहाज से यह उठाए कदम
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने 30 जून को जर्जर भवन वाले चिन्हित विद्यालयों के संस्था प्रधानों की बैठक लेकर अन्य विद्यालयों में शिफ्ट करने का प्रस्ताव लेकर आदेश जारी किए गए। इससे पूर्व पीडब्ल्यूडी की ओर से इन विद्यालय भवनों की सुरक्षा जांच करवाई गई। असुरक्षित भवनों के संबंध में विभाग को अवगत करवाया गया।विद्यालयों के अन्य में शिफ्ट करने के आदेश
पीपल का कुआं विद्यालय को दूसरी शिफ्ट में गुलाबबाड़ी राबाउमावि में संचालित करने तथा राउमावि नगरा भजनगंज को आदर्शनगर राबाउमावि में दूसरी शिफ्ट में संचालित करने के आदेश जारी किए हैं। आदर्शनगर में मंगलवार को यह विद्यालय संचालित होगा।
इनका कहना है दो जर्जर भवन वाले विद्यालयों को अन्य विद्यालयों में दूसरी पारी में संचालन के लिए शिफ्ट के आदेश हुए हैं। शंभूसिंह लांबा, प्रधानाचार्य व प्रभारी अगर कोई जर्जर भवन है तो उसकी मरम्मत के लिए विद्यालय मद में से बजट का उपयोग किया जा सकता है। नामांकन के आधार पर प्रत्येक विद्यालय को बजट आवंटन किया जाता है।
अजय गुप्ता, एडीपीसी समसा