
नीबू के आकार के ओले गिरे
अजमेर. जिले में ओलावृष्टि एवं बारिश से फसलों में हुए नुकसान के बाद सरकार ने प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। प्रशासन की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक केकड़ी के सावर क्षेत्र में 20 प्रतिशत का खराबा आंका गया है, वहीं केकड़ी के गुलगांव में नुकसान बताया गया है। हालांकि विस्तृत रिपोर्ट दो-तीन दिन में तैयार की जाएगी। उधर, कृषि विभाग की ओर से गेहूं, जौ एवं चने की फसलों में खराबे को लेकर सर्वे करवाया जा रहा है।
पिछले दो तीन दिनों से मौसम में बदलाव के बाद बारिश एवं मंगलवार को हुई ओलावृष्टि से केकड़ी उपखंड के पारा, धूंधरी, गुलगांव एवं आसपास के गांवों, सावर एवं सरवाड़ के गांवों में कई जगह खेतों में कटी फसलें खराब हो गई। कई जगह तो खेतों में फसलों के कटे पूळे भी पानी में डूब गए। कटी फसलों पर ओलावृष्टि से खेतों में ही अनाज बिखर गया तो अनाज की बालियां खराब हो गई। कृषि विभाग के उप निदेशक वी.के. शर्मा ने बताया कि खराबा कितना हुआ है इसकी विभागीय रिपोर्ट बनाई जाएगी। संबंधित क्षेत्रों की रिपोर्ट के बाद ही खुलासा होगा कि कितना नुकसान हुआ है।
30 से 40 प्रतिशत से अधिक खराबा!
गेहूं, जौ एवं चने की पछेती फसलों में नुकसान हुआ है। किसानों की मानें तो करीब 30 से 40 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है। किसानों के अनुसार खेतों में खड़ी फसलों में भी नुसान हुआ है। अब यह बात अलग है कि पटवारी, तहसीलदारों की रिपोर्ट में नुकसान कितना हुआ है।
इनका कहना है
राज्य सरकार ने पशु हानि, जनहानि एवं फसलों में खराबे की रिपोर्ट मांगी गई है। पटवारी व तहसीलदारों की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार सावर में सदारा, टाकावास में फसलों में 20 प्रतिशत एवं केकड़ी के गुलगांव में भी नुकसान हुआ है। विस्तृत सर्वे रिपोर्ट के बाद पता चल पाएगा।
-रवि वर्मा, उपखंड अधिकारी, केकड़ी
Published on:
17 Apr 2019 08:48 pm
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