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गवर्नर फिर नहीं गए उद्घाटन करने, राजभवन से रिमोट दबाकर किया ये काम

locationअजमेरPublished: Dec 09, 2017 07:57:54 am

Submitted by:

raktim tiwari

राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कामकाज से ज्यादा खुश नहीं है। सरकार और राजभवन के बीच भी अंदरूनी स्तर पर शीत युद्ध चल रहा है।

governor inaugrates buildings from jaipur

governor inaugrates buildings from jaipur

रक्तिम तिवारी/अजमेर।

राज्यपाल कल्याण सिंह ने विश्वविद्यालयों से दूरी बनाई हुई है। उन्होंने जयपुर में राजभवन से ही तीन विश्वविद्यालयों के विभिन्न भवनों-कार्यालयों का उद्घाटन किया। इनमें महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के नवनिर्मित कुबेर भवन भी शामिल है। राज्यपाल ने कुलपतियों को जयपुर बुलाकर कार्यक्रम का आयोजन किया।
करीब 4.7 करोड़ रुपए की लागत से वाणिज्य विभाग के लिए बने कुबेर भवन का शिलान्यास 11 मई 2016 को राज्यपाल कल्याण सिंह ने जयपुर में किया था। अब उसका उद्घाटन भी उन्होंने रिमोट कंट्रोल से ही किया। इसके अलावा राज्यपाल ने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के स्वामी विवेकानंद वीथी और जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के भवन-दफ्तर का भी शुभारंभ किया।
जोधपुर के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह, अजमेर के कार्यवाहक कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह, विभागाध्यक्ष प्रो. बी. पी. सारस्वत, बॉम के सदस्य प्रो. भारती जैन, प्रो. शिवदयाल सिंह, डॉ. डी. एस. चौहान, डॉ. राजू शर्मा और अन्य मौजूद रहे।
प्रो. सिंह ने दी जानकारी
प्रो. सिंह ने राज्यपाल को सम्राट पृथ्वीराज चौहान शोध पीठ, सिंधु शोध पीठ, अम्बेडकर शोध पीठ सहित ऋषि दयानंद चेयर और शोध पीठ की जानकारी दी। साथ ही सौ फीट पर तिरंगा फहराने, वैदिक पार्क की योजना के बारे में बताया। उन्होंने शैक्षिक और परीक्षात्मक नवाचार और शोध कार्यों की भी विस्तार से जानकारी दी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कार्यों पर संतोष जताया। लेकिन राज्यपाल ने शोध की गुणवत्ता सुधारने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में हो रहे शोध समाज, राष्ट्र और प्रदेश के काम आए तब ही उसकी सार्थकता है।
राज्यपाल नहीं गए यूनिवर्सिटी में
राज्यपाल कल्याण सिंह पिछले एक माह में किसी विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में नहीं गए हैं। इनमें राजस्थान विश्वविद्यालय, महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी बीकानेर, जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह भी शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कामकाज से ज्यादा खुश नहीं है। सरकार और राजभवन के बीच भी अंदरूनी स्तर पर शीत युद्ध चल रहा है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के कार्यक्रम से दूरी बनाई हुई है।
वे अंतिम बार 1 अगस्त को महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के दीक्षान्त समारोह में आए थे। उसके बाद किसी कार्यक्रम में नहीं गए हैं। मालूम हो कि पूर्व में भी कई राज्यपालों का सरकार से टकराव रहा है। लेकिन कल्याण सिंह ने पहली बार सरकार और विश्वविद्यालयों को सख्त संदेश दिया है।

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