रोजगार की अच्छे अवसरों के बावजूद यहां बरसों से चिरपरिचत डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स संचालित हैं। जबकि दक्षिण भारत के पॉलीटेक्निक कॉलेज में समय के साथ नए कोर्स चलाए गए हैं। इनका उन प्रदेशों के विद्यार्थियों को फायदा भी मिल रहा है।
राज्य में सरकारी और निजी पॉलेटेक्निक कॉलेज में डिप्लोमा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की 49 हजार 921 सीट हैं। इनमें सरकारी कॉलेज में 4 हजार 566 और निजी कॉलेज में 45 हजार 355 सीट हैं। विभिन्न कॉलेज के पाठ्यक्रमों में विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। इनमें प्राविधिक शिक्षा मंडल जोधपुर के जरिए प्रवेश दिए जाते हैं।
राजस्थान के पॉलीटेक्निक कॉलेज कई कोर्सेज के मामले में केरल, तमिलनाडु, सीमांध्र और कर्नाटक के पॉलीटेक्निक कॉलेज से पिछड़े हैं। दक्षिण भारतीय प्रदेशों में कई डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स ऐसे हैं, जो विद्यार्थियों को सरकारी और नौकरी और खुद का उद्यम स्थापित करने में मददगार साबित हुए हैं। राजस्थान के कई डिप्लोमा इंजीनियरिंग कोर्स भी रोजगारोन्मुखी हैं, पर यहां का तकनीकी शिक्षा विभाग की मांग के अनुरूप नए कोर्स-ब्रांच खोलने में रुचि कम है।
दक्षिण भारत में यह कोर्स खास
कॉमर्शियल प्रेक्टिस, कम्प्यूटर एप्लीकेशन एन्ड बिजनेस मैनेजमेंट, इंस्ट्रूमेंट टेक्नोलॉजी, एप्लाइड इलेक्ट्रानिक्स, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग टूल एन्ड डाई, फिशरीज टेक्नोलॉजी, प्रोस्थेटिक्स एन्ड ऑर्थेटिक्स, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी, मेटेलर्जिकल इंजीनियरिंग, सैंडविच मेकेनिक्स, नेनो टेक्नोलॉजी, पॉलीमर टेक्नोलॉजी, ग्रीन केमिस्ट्री एन्ड इंजीनियरिंगराजस्थान में संचालित कोर्स सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, प्रिंट टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर, फैशन डिजाइनिंग, कॉस्मेटिक्स एन्ड ब्यूटी और अन्य।
कॉमर्शियल प्रेक्टिस, कम्प्यूटर एप्लीकेशन एन्ड बिजनेस मैनेजमेंट, इंस्ट्रूमेंट टेक्नोलॉजी, एप्लाइड इलेक्ट्रानिक्स, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग टूल एन्ड डाई, फिशरीज टेक्नोलॉजी, प्रोस्थेटिक्स एन्ड ऑर्थेटिक्स, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी, मेटेलर्जिकल इंजीनियरिंग, सैंडविच मेकेनिक्स, नेनो टेक्नोलॉजी, पॉलीमर टेक्नोलॉजी, ग्रीन केमिस्ट्री एन्ड इंजीनियरिंगराजस्थान में संचालित कोर्स सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, प्रिंट टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर, फैशन डिजाइनिंग, कॉस्मेटिक्स एन्ड ब्यूटी और अन्य।
नई ब्रांच और कोर्स खोलने में रुचि कम राजस्थान में तकनीकी शिक्षा विभाग की पॉलीटेक्निक कॉलेज में नई ब्रांच और कोर्स खोलने में रुचि कम दिखती है। यद्यपि यहां पिछले 15-20 वर्षों में कई सरकारी और निजी पॉलीटेक्निक कॉलेज खुले हैं। मांग के अनुरूप नई ब्रांच और कोर्स और भी शुरू हुए हैं, फिर भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में यह संख्या सीमित है। विद्यार्थियों को पास चिरपरिचित ब्रांच और कोर्स में ही दाखिलों का विकल्प मिलता है।
दाखिलों में पीछे रहता है राजस्थान पॉलीटेक्निक कॉलेज के दाखिलों के मामले में भी प्रतिवर्ष राजस्थान पिछड़ा रहता है। दक्षिण भारत के केरल, कर्नाटक और अन्य राज्यों में मई के शुरूआत में ही दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जून के दूसरे पखवाड़े तक वहां प्रवेश कार्य अंतिम चरण में होता है। राजस्थान के पॉलीटेक्निक कॉलेज मे ं प्रतिवर्ष जून अंत या जुलाई में प्रवेश प्रारंभ होते हैं। जबकि यहां अजमेर के बॉयज एवं वुमेन्स, जयपुर , जोधपुर सहित कई जिलों में अच्छे सरकारी और निजी कॉलेज हैं। इनमें संसाधन, शिक्षकों की संख्या भी ठीक है।