सरकारी विद्यालयों में शुरू की गई कक्षा नवमीं से व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से दसवीं, ग्यारहवीं एवं बारहवीं कक्षा में उन्हें ट्रेंड किया जा रहा है। पढ़ाई के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर ऐसे छात्र-छात्राएं जिन्हें उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं करनी है और परिवार के हालात के मद्देनजर कोई जॉब करनी है तो उन्हें बिना पॉलिटेक्निक डिप्लोमा, इंजीनियरिंग के भी कंपनियां जॉब उपलब्ध करा रही हैं। ऑटोमोबाइल, ब्यूटी एवं वेलनेस, आईटियन/आइटीज कोर्स वाले बच्चों को जॉब उपलब्ध हो सकेंगी।
अजमेर सहित 11 जिलों के छात्र-छात्राओं को मिलेगा जॉब केन्द्रीय प्रवर्तित योजना अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में सरकारी विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा शुरू की गई। अब अजमेर सहित राजस्थान के 11 जिलों में संचालित व्यावसायिक शिक्षा में लेवल 4 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को जॉब उपलब्ध कराने के लिए जॉब फेयर का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए तीन कलस्टर अजमेर, जैसलमेर एवं जयपुर बनाए गए हैं।
राज्य के तीन कलस्टर अजमेर, जयपुर एवं जैसलमेर में 11 जिलों के सत्र 2017-18 के व्यावसायिक (शिक्षा लेवल 4) में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को जॉब उपलब्ध कराने के लिए जॉब फेयर का आयोजन किया जा रहा है।
सुरेन्द्र कुमार जैन, उप निदेशक, माध्यमिक शिक्षा परिषद जयपुर आए दिन जाम हो जाती हैं नालियां ख्वाजा साहब की दरगाह में देश-विदेश से जियारत के लिए आने वाले जायरीन दरगाह क्षेत्र में बहते गंदे पानी में से गुजरने को मजबूर हैं। यहां आए दिन नालियां जाम हो जाती हैं और गंदा पानी बह कर सड़क पर फैल जाता है। इससे जायरीन को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा समस्या दरगाह के मुख्य द्वार निजाम गेट से लेकर त्रिपोलिया गेट तक के क्षेत्र में है। यहां आए दिन इस समस्या से जायरीन को दो-चार होना पड़ रहा है।
इसके अलावा लाखन कोटड़ी, सिलावट मोहल्ला, सोलखम्भा में नालियों की काफी समय से सफाई नहीं हुई। इस कारण आए दिन नालियां जाम हो जाती हैं। क्षेत्र के व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम में कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। क्षेत्रवासी रियाज़ अहमद मंसूरी ने चेतावनी दी है कि यदि 2 दिन में नालियों की सफाई नहीं हुई तो वे स्थाई लोक अदालत की शरण लेंगे। उल्होंने कहा कि मानसून शुरू हो चुका है, लेकिन निगम प्रशासन को सफाई की चिंता नहीं है। इस कारण क्षेत्र में बीमारियां फैलने की आशंका है। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र में सफाई कर्मचारी नियमित नहीं आते। इस कारण जगह-जगह गंदगी का ढेर लगा हुआ है, जबकि दरगाह छेत्र में रोजाना हजारों जायरीन की आवाजाही रहती है।