राजस्थान के प्रत्येक जिले में सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों के शिक्षा के स्तर को आंकने के साथ छात्र-छात्राओं की शैक्षिक योग्यता एवं बौद्धिक स्तर की परख से यह तय होगा कि शिक्षा के स्तर में कितना सुधार हुआ है। मानव संसाधन मंत्रालय के निर्देशन में
एनसीईआरटी की गाइड लाइन अनुसार परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। नेशनल अचीवमेंट सर्वे (सेम्पल सर्वे) 13 नवम्बर को होगा। इसके लिए सभी डाइट प्रधानाचार्यों को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया है।
राइट टू क्वालिटी एज्यूकेशन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री
प्रकाश जावड़ेकर और राज्य के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी राइट टू क्वालिटी एज्यूकेशन के पक्षधर हैं। उनका मानना है, कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर ही उनका सर्वांगीण विकास संभव है। इसके तहत अत्याधुनिक सुविधाओं वाले क्लासरूम, कम्प्यूटर और प्रोजेक्टर की व्यवस्था, कोर्स में नवाचार और अन्य कदम शामिल हैं। राजस्थान में सरकार ने सीबीएसई के पैटर्न वाले विवेकानंद मॉडल स्कूल खोले हैं। यहां अंग्रेजी माध्यम में विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध स्कूल में भी आधुनिक संसाधन जुटाए जा रहे हैं। इसका आगामी वर्षों में विद्यार्थियों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
इन विषयों की होगी परीक्षा कक्षा तीसरी व पांचवी में हिन्दी, गणित, पर्यावरण एवं कक्षा आठवीं में हिन्दी, गणित, विज्ञान तथा सामाजिक अध्ययन की परीक्षा होगी। ओएमआर शीट में देने होंगे उत्तर
प्रत्येक विषय से 15-15 प्रश्न पूछे जाएंगे। इन सभी के उत्तर ओएमआर शीट में ही टिक का निशान लगाकर देने होंगे। प्रत्येक जिले में लगेंगे फील्ड इन्वेस्टिगेटर एक जिले में करीब 250 से 300 शिक्षक फील्ड इन्वेस्टिगेटर लगाए जाएंगे। फिल्ड इन्वेस्टिगेटर ही टेस्ट संपन्न कराएंगे।
अजमेर संभाग में विद्यार्थियों का यह रहेगा आंकड़ा अजमेर-173
भीलवाड़ा-173 नागौर-173
टोंक-161 नेशनल अचीवमेंट सर्वे के तहत सरकारी विद्यालयों के कक्षा 3, 5 एवं 8 वीं के विद्यार्थियों का टेस्ट होगा। ओएमआर शीट में उत्तर देना होगा। अजमेर संभाग में कुल 680 बच्चे परीक्षा में शामिल होंगे। सभी जिलों में इस सर्वे के बाद राजस्थान की ग्रेड तय होगी।
जीवराज जाट, उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा