अजमेर

ग्राम पंचायतें कब्जेधारियों को बनाएंगी ‘मालिक Ó,देंगी जमीनों के पट्टे

आबादी क्षेत्रों का बनेगा डिजिटल मानचित्र, ड्रोन के जरिए होगा सर्वे
कलक्टर व जिला परिषद सीईओ को जारी किए निर्देश
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग
स्वामित्व योजना

अजमेरSep 07, 2021 / 09:01 pm

bhupendra singh

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अजमेर. ग्राम पंचायतें सरकारी भूमि पर काबिज व्यक्तियों को पट्टा जारी कर उन्हें जमीनों का मालिक बनाएगी। ग्रामीण विकास एंव पंचायतीराज विभाग ने जिला कलक्टर व जिला परिषद सीईओ को इसके लिए राज्य में शुरु की गई ‘स्वामित्व Óयोजना के क्रियान्वयन के निर्देशित किया है। राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव आनन्द कुमार के अनुसार ग्राम पंचायतों की आबादी भूमियां चिह्नित कर, सम्बन्धित ग्राम पंचायत के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाई जाएं। जल्द ही इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इसमें सिविल सोसायटी के एक प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा।
योजना के तहत आबादी क्षेत्र का डिजिटल मानचित्र तैयार कर संबंधित ग्राम पंचायतों को दिया जाएगा। यह कार्य भारतीय सर्वेक्षण विभाग करेगा। गांव के आबादी क्षेत्रों के सर्वेक्षण में मानचित्रण का कार्य पूरा होने पर ग्राम पंचायत संबंधित व्यक्ति को पट्टा जारी करेंगी।
कब्जे की आबादी भूमि का मिलेगा पट्टा

स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आबादी भूमि के स्वामित्वधारियों को राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 के प्रावधानों के तहत उनके कब्जे की आबादी भूमि का विधिक दस्तावेज दिया जाएगा। योजना के तहत लाभार्थी को उपरोक्त अनुसार पट्टा विक्रय विलेख एवं रजिस्ट्री भौतिक रूप में देने के साथ-साथ उस दस्तावेज की पीडीएफ फाइल बनाकर लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर दी जाएगी।
पड़ेगा दूरगामी प्रभाव

इस योजना का ग्रामीण अर्थव्यवस्था और समाज पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। योजना का क्रियान्वयन राजस्व विभाग एवं पंचायती राज विभाग के जरिए होगा। राजस्व विभाग द्वारा स्वामित्व योजना के प्रभारी विभाग के रूप में सर्वेक्षण विभाग के साथ समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
यह होगी कार्रवाई

भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा प्रत्येक राजस्व ग्राम की आबादी भूमि का मानचित्र ड्रोन के जरिए फोटोग्राफी कर तैयार किया जाएगा। फोटोग्राफी से पहले गांव की आबादी भूमि की बाहरी सीमा पर मार्किंग की जाएगी। सीमा रेखा के भीतर जहां-जहां ऐसी आबादी भूमि जो किसी व्यक्ति के स्वामित्व में है लेकिन उस भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं हुआ है अर्थात भूमि खाली पड़ी है ऐसे सभी भूखंडों को भी व्यक्तियों के स्वामित्व के अनुसार चूना लाइन डालकर उसकी सीमा तय की जाएगी। जिस आबादी भूमि पर किसी भी तरह का निर्माण किया हुआ है उसे मार्क नहीं किया जाएगा। फोटोग्राफी के बाद सर्वेक्षण विभाग द्वारा ड्रोन से ली गई फोटो के आधार पर उस गांव का ही मैप दिया जाएगा जिसमें गांव की आबादी भूमि की बाहरी सीमा रेखा तथा इस सीमा के भीतर खाली पड़े भूखंडों एवं जिन भूखंड पर निर्माण किया हुआ है उनकी स्थिति भी स्पष्ट होगी। इस इमेज नक्शे में सर्वेक्षण विभाग द्वारा अपनी सुविधा से मैप में दिखलाई गई फोटो के अनुसार खाली पड़े भूखंडों एवं भवन निर्मित भूखंडों पर आईडी नंबर अंकित कर दी जाएगी।
समिति भी करेगी सर्वे

ग्राम सेवक, दो वार्ड पंच, एक पंचायत कार्मिक की समिति जिसे सर्वे समिति कहा जाएगा के द्वारा उस नक्शे के अनुसार प्रत्येक भूखंड एवं निर्मित भवन का सर्वे कर निर्धारित फार्म में उस संपत्ति के मालिक का नाम व अन्य जानकारी भरी जाएगी। ग्राम पंचायत द्वारा सर्वेक्षण विभाग से प्राप्त नक्शे एवं सभी सूचियों को पंचायत भवन व अन्य स्थान पर चस्पा किया जाएगा। मैप वाले संबंधित ग्राम के समस्त पक्षकार आपत्ति भी दर्ज करवा सकते हैं। पंचायत द्वारा साधारण सभा का आयोजन कर प्राप्त आपत्तियों का निराकरण किया जाएगा पंचायत द्वारा विशेष ग्राम सभा का आयोजन कर ग्राम पंचायत की साधारण सभा द्वारा दिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए इस कार्रवाई का अनुमोदन होने के बाद लाभार्थियों को पट्टा रजिस्ट्री कराकर हार्ड एवं सॉफ्ट कॉपी दी जाएगी।
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