scriptअप्रेल में चढ़ा संक्रमण का ग्राफ, अब उतार पर | Graph of infection climbed in April, now on the down | Patrika News

अप्रेल में चढ़ा संक्रमण का ग्राफ, अब उतार पर

locationअजमेरPublished: May 16, 2021 11:32:54 pm

Submitted by:

Dilip

वैक्सीनेशन व कड़े फैसलों से कोरोना पर पाया काबू
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने रणनीति कार्य बनाई। जिससे अप्रेल में जिस तेज गति से संक्रमण का फैलाव हुआ था, वहीं मई माह में इसमें उतार नजर आ रहा है। संक्रमित मरीजों से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है।

अप्रेल में चढ़ा संक्रमण का ग्राफ, अब उतार पर

अप्रेल में चढ़ा संक्रमण का ग्राफ, अब उतार पर

धौलपुर. कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने रणनीति कार्य बनाई। जिससे अप्रेल में जिस तेज गति से संक्रमण का फैलाव हुआ था, वहीं मई माह में इसमें उतार नजर आ रहा है। संक्रमित मरीजों से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। कोरोना की पहली लहर के दौरान ही बरती गई दूरदर्शिता इसकी बड़ी वजह रही। जिले में 2020 में खरीदी गई जीवन रक्षक सामग्री दूसरी लहर में जीवनदायिनी साबित हुई। जिसके तहत जिले में 72 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 16 बाईपेप मशीन, 200 बेड, 150 ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य आवश्यक चिकित्सकीय उपकरण खरीदे गए। ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की गई। जिससे गंभीर मरीजों का भी तत्काल इलाज किया जा सका।
व्यूह रचना जिससे केस घटते गए ?

कलक्टर – जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कॉम्प्रीहेंसिव स्ट्रेटेजी के तहत व्यापक तौर पर वैक्सीनेशन कार्य करवाया। जिसमें ‘नो वैक्सीन नो राशनÓ जैसे कुछ कड़े फैसले लिए गए। राशन बन्द, पेंशन बंद सहित बैरीकेटिंग जैसे कदम उठाए गए। जिले में स्वैच्छिक साप्ताहिक बंदी एवं संडे कफ्र्यू लगाया गया। मंदिर, मस्जिद गुरुद्वारा, चर्च एवं धर्मगुरुओं के साथ आमजन का सहयोग लिया। लॉकडाउन में सख्ती बरती गई। गैर अनुमत श्रेणी की सभी दुकानों की सीलिंग की गई। कॉल सेंटर स्थापित कर होम आइसोलेट मरीजों के साथ उनके परिजनों के स्वास्थ्य का ख्याल रखा। आइआईएलआई का सर्वे कर घर-घर दवाई पहुंचाई। पूरे जिले की सब्जी मंडियों को विकेन्द्रीकरण किया। जिससे संक्रमण पर रोक लगी। जिले में संक्रमण दर मई माह में अभी तक 17.56 प्रतिशत है, जो प्रदेश के कई जिलों से बहुत नीचे है। वर्तमान में भी संक्रमित मरीजों से अधिक स्वस्थ हो रहे हैं।
-जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, शादी, ब्याह आदि में कर रहे हैं, उसके निपटारे के लिए अफ सरों ने क्या रणनीति बनाई?

कलक्टर – लोग बाजारों में निकलने तथा सामान खरीदने के दौरान मास्क नहीं लगा रहे थे। इस पर निगरानी दलों का गठन किया। स्वयं पुलिस के साथ बाजारों का दौरा किया और दुकानदारों से समझाइश के साथ बिना मास्क लोगों के चालान किए। इसके लिए वार्डवार गठित वालिंटयर्स कमेटियों से जागरूकता अभियान चलवाया। संक्रमण को देखते हुए लोगों में भी समझ विकसित हुई।
-भविष्य में कोरोना से निपटने की क्या योजना है ?
कलक्टर- भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए जिला अस्पताल में २०० बेड का बच्चों का अलग से अस्पताल के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। ब्लैक फंगस को देखते हुए अलग से ईएनटी व आई चिकित्सक की टीम गठित की है। अधिक मरीज भार वाले 8 चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। गांवों में अब सामान्य मौत पर भी कोविड प्रॉटोकाल के तहत अंतिम संस्कार किया जाएगा। अब घर-घर टेस्टिंग, टे्रसिंग व ट्रीटमेंट पर जोर दिया जाएगा। पंचायत स्तर पर आइसोलेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं।
– आगामी दिनों में ऑक्सीजन की क्या व्यवस्था है ?
कलक्टर- ऑक्सीजन के क्षेत्र में जिला आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। ऑक्सीजन उपलब्धता को लेकर पर्याप्त व्यवस्था है। जिला अस्पताल में वर्तमान में 35 सिलेंडर प्रतिदिन आपूर्ति के लिए प्लांट स्थापित है। अब एनएचएम के सहयोग से 65 सिलेंडर प्रतिदिन तथा स्थानीय निकाय व यूडीएच विभाग की ओर से 100 सिलेंडर प्रतिदिन आपूर्ति करने के लिए प्लांट लगाया जाना है। उप जिला अस्पताल बाड़ी में तेल कम्पनी के सहयोग से 35 सिलेंडर प्रतिदिन, सीएचसी बसईनवाब में एनएचएम के सहयोग से 35 सिलेंडर प्रतिदिन, सीएचसी राजाखेड़ा, मनिया, सरमथुरा, बसेड़ी में 35-35 सिलेंडर प्रतिदिन आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाने हैं। साथ ही रीको क्षेत्र में निजी प्लांट से 100 सिलेंडर प्रतिदिन आपूर्ति होगी। जिला कलक्टर ने बताया कि इन प्लांट्स के स्थापित होने से 545 सिलेंडर प्रतिदिन ऑक्सीजन आपूर्ति हो सकेगी जिससे ऑक्सीजन उपलब्धता के क्षेत्र में जिला और अधिक आत्मनिर्भर हो सकेगा।

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