उल्लेखनीय है कि इस वर्ष के जनवरी से जून तक के आंकडों पर नजर डाले तो जिलेभर बजरी दोहन के विरुद्ध पुलिस ने ४२ मामले दर्ज करते हुए ३२ जनों को गिरफ्तार कर ५ ट्रक व ३५ टे्रक्टरों को जब्त किया है। इन प्रकरणों में पुलिस पर हमले के आठ मामले दर्ज हुए है, जिनमें १२ जनों को गिरफ्तार कर १२ ट्रेक्टर जब्त किए गए है।
संयुक्त टॉस्क फोर्स फेल बजरी परिवहन रोक पाने में जिले में बनी संयुक्त टॉस्क फोर्स पूरी तरह फेल नजर आ रही है। अभी तक संयुक्त टॉस्क फोर्स की ओर से कोई भी बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। ऐसे में जिला स्तर पर कई बार बैठकें भी आयोजित कर निर्देश दिए गए है, लेकिन कोई भी विभाग बजरी माफिया के आगे आने को तैयार नहीं है।
भरतपुर मार्ग पर लगा रहता है तांता जिले से बड़ी संख्या में प्रतिबंधित बजरी के वाहनों को भरतपुर मार्ग पर तांता लगा रहता है। मार्ग पर पुलिस चैकपोस्ट पर भी फायरिंग की घटनाएं हो चुकी है और यहां सख्ती का दावा भी किया गया है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। इतना ही नहीं बजरी माफियाओं की अनियंत्रित रफ्तार के निशाने पर आमजन भी बना हुआ है। मार्ग के गांव जाखी पर गत मार्च माह में राहगीरों पर बजरी के ट्रेक्टर-ट्रॉली चढ़ाने का प्रयास हुआ, जिसमें करीब आधा दर्जन युवक घायल भी हुए। इतना ही नहीं मार्ग पर इस साल करीब आधा दर्जन से अधिक लोग बजरी वाहनों की चपेट में आने पर गंभीर रूप से घायल भी हो चुके है।