अवैध खनन से बेजार चंबल भारी मांग के कारण चंबल किनारे बड़ी मात्रा में अवैध बजरी खनन हो रहा है। मोटे मुनाफे के लालच में बजरी माफिया चंबल को नोंचने में लगे हैं। इससे घडिय़ालों का प्राकृतिक आवास भी नष्ट हो रहा है। बजरी माफिया के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वे पुलिस पर भी फायरिंग करने से नहीं चूक रहे। बड़ी संख्या में चंबल रेता से भरी ट्रॉलियां आगरा और भरतपुर मार्ग पर जाती दिख जाती हैं। पुलिस भी इन्हें रोक पाने में अक्षम साबित हो रही है।
रोजाना 10 हजार ट्रक की जरूरत बजरी कारोबारियों के मुताबिक प्रदेश में रोजाना करीब 10 हजार बजरी ट्रक की जरूरत है। अकेले जयपुर में ही रोजाना 2000 से बजरी ट्रकों की खपत है। इसके अलावा हजारों ट्रक दिल्ली-एनसीआर में खपते हैं।
अवैध बजरी खनन के 3225 वाहन जब्त खान विभाग ने प्रदेशभर में इस वित्तीय वर्ष में अक्टूबर के पहले पखवाड़े तक 4974 मामले दर्ज कर 5063 वाहन, उपकरण व मशीन आदि जब्त किए। प्रदेश में अवैध खनन के 4974 मामलों में से 3187 मामले अवैध बजरी खनन परिवहन और भंडारण के दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 5063 वाहन, मशीनरी और उपकरण जब्त किए जा चुके हैं। इनमें से अवैध बजरी परिवहन में 3235 वाहन आदि जब्त कर संबंधित पुलिस थानों में सुपुर्द किया गया है।
नेस्टिंग पॉइंट के समीप खनन से परेशानी चंबल नदी में हो रहे अवैध बजरी खनन से चंबल घडिय़ाल संरक्षित क्षेत्र में जलीय जीवों का सुकून चला गया है। घडिय़ाल व कछुए यहां बजरी में अंडे देते हैं। नदी क्षेत्र में कई स्थानों पर घडिय़ालों के नेस्टिंग पाइंट हैं, लेकिन यहां अवैध बजरी खनन से उनकी प्रजाति संकट में आ गई है।