अजमेर

घर से बेघर की गई वयोवद्ध गुलाबी देवी बोली – अब में कौनी जाऊं

अपनों के व्यवहार से क्षुब्ध वयोवृद्ध गुलाबीदेवी ने रिश्तेदारों की मिन्नतें ठुकराई, वृद्धाश्रम में ही रहने का किया फैसला

अजमेरMay 17, 2019 / 01:29 am

manish Singh

घर से बेघर की गई वयोवद्ध गुलाबी देवी बोली – अब में कौनी जाऊं

मनीष कुमार सिंह
अजमेर. अपनों के व्यवहार से क्षुब्ध वृद्धा ने एक रात में वृद्धाश्रम में मिले प्यार-दुलार से नाते-रिश्तेदारों को ठुकरा दिया। कल तक पोते के लिए चिंतित नजर आने वाले ९९ वर्षीय गुलाबीदेवी को गुरुवार शाम साहिल वृद्धाश्रम में पोते-पोती व पुत्रवधू लेने पहुंचे तो लाख मिन्नतों के बाद भी उसने अपने साथ हुए उपेक्षापूर्ण व्यवहार को बयान करते हुए जाने से साफ इन्कार कर दिया।
राजस्थान पत्रिका के १६ मई के अंक में मां के लिए अपनों के दरवाजे बंद शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद शाम को गुलाबीदेवी का पोता खरवा रूदलाई राजेश, पुत्रवधू शीलादेवी, पोती ममता, रेखा समेत कई रिश्तेदार क्रिश्चियन गंज थाने पहुंचे। यहां से उनको वैशालीनगर स्थित साहिल वृद्धाश्रम भेजा गया। लेकिन गुलाबीदेवी रिश्तेदारों को देखते ही गुस्सा हो गई और काफी समझाइश और मिन्नतों के बाद भी घर जाने से साफ इन्कार कर दिया। उसने अब वृद्धाश्रम में रहने की बात कही।
रेलवे की है पेंशनर

परिजन ने बताया कि गुलाबीदेवी के पति भोमाजी चीता रेलवे कर्मचारी थे। गुलाबी उनकी दूसरी पत्नी थी। पति की मृत्यु के बाद गुलाबीदेवी ने कानूनी लड़ाई लड़कर अपना पेंशन का हक हासिल किया था। यही नहीं वह केसरगंज में सब्जी का ठेला लगाकर परिवार के लिए पाई-पाई जोड़ती रही। तीन साल पहले गुलाबीदेवी के पुत्र की मृत्यु हो गई थी।
आशीर्वाद लेकिन साथ जाने से इन्कार

गुलाबीदेवी को मनाने वृद्धाश्रम आई पुत्रवधू ने हाथ जोड़कर माफी मांगी और पैरों में झुक गई तो गुलाबीदेवी के मुंह से फलने-फूलने का आशीर्वाद ही निकला। पोते-पोतियों ने भी गुलाबदेवी को प्यार से रखने की बात कही लेकिन गुलाबीदेवी ने उनके साथ घर जाने से साफ इन्कार कर दिया।
चार दिन पहले घर से निकली

पोते राजेश ने बताया कि गुलाबीदेवी चार दिन पहले खरवा से निकली थी। उन्हें सूचना मिली कि वह लोहाखान अजमेर स्थित एक रिश्तेदार के यहां पहुंच गई। दूसरे दिन लोहाखान से भी बिना बताए निकल गई लेकिन गुलाबीदेवी ने उनकी बातों का नकारते हुए उसके साथ घर पर किए जाने वाले बर्ताव पर खीज जताई।
क्यों नहीं दी पुलिस में शिकायत

वृद्धाश्रम संचालक रेवती शर्मा ने परिजन से गुलाबीदेवी के नहीं मिलने और लापता होने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात पूछी तो सबने चुप्पी साध ली। उन्होंने तर्क दिया कि गुलाबीदेवी पहले भी बिना बताए मसूदा चली गई थी। आखिर परिजन कुछ दिन बाद आकर ले जाने की बात कहते हुए लौट गए।

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