
जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के आपातकालीन इकाई में रात साढ़े 10 बजे अचानक सुरक्षाकर्मियों का जमावड़ा लग गया। कुछ देर बाद जिला पुलिस के कमांडों के साथ छवि शर्मा, सिविल लाइन थानाप्रभारी अरविन्दसिंह चारण चार हार्डकोर अपराधियों को लेकर पहुंचे। चारों को करीब दो घंटे तक आपातकालीन इकाई में प्राथमिक उपचार दिया। इसके बाद उनको अस्पताल के ही कैदी वार्ड में शिफ्ट कर दिया। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि चारों हार्डकोर अपराधी हाई सिक्योरिटी जेल में पिछले कुछ दिन से भूख हड़ताल पर हैं। बुधवार को उनकी तबीयत बिगड़ने व कमजोरी के चलते उन्हें जेल प्रशासन ने जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाने का निर्णय किया।

पुलिस ने गोपनीय रखे नाम बीमार हुए चारों हार्डकोर कैदियों का नाम भी पुलिस सुरक्षा दृष्टि से गोपनीय रखा है। हालांकि पड़ताल में आया कि चार में तीन एक गैंग से है जो लम्बे समय से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे है जबकि चौथा हार्डकोर कुख्यात तस्कर है जो हाल ही में हाई सिक्योरिटी जेल पहुंचा है।
19 मार्च से भूख हड़ताल की हुई शुरुआत हाई सिक्योरिटी जेल में हार्डकोर बंदियों में भूख हड़ताल की शुरुआत गत 19 मार्च से शुरू हुई। हार्डकोर कैदी नरेन्द्र सिंह उर्फ नन्दू रतन सिंह सबसे पहले 19 मार्च से अपनी मांग लेकर भूख हड़ताल पर बैठा। जेल प्रशासन ने डिस्पेंसरी चिकित्सकों की मदद से उसको इलाज दिया गया। नरेन्द्र सिंह के बाद ही अन्य बंदियों में भी अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी। हालांकि जेल प्रशासन ने मामले में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी।