दरगाह में सुबह से ही जायरीन के पहुंचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया, जो देर रात तक जारी रहा। उर्स का समापन 15 अप्रेल को बड़े कुल की रस्म के साथ होगा। सोमवार सुबह पूरे दरगाह परिसर की केवड़ा, गुलाब आदि सुगंधित द्रव्यों के जल से धुलाई की जाएगी। खुद्दामे-ख्वाजा मजार शरीफ को गूसल देंगे और सुबह करीब 9.15 बजे जल के छींटे देकर बड़े कुल की रस्म अदा की जाएगी।
इससे पूर्व अंतिम महफि ल होगी, जिसमें अजमेर दरगाह के शाही कव्वाल असरार हुसैन कव्वालियां पेश करेंगे। दरगाह प्रशासन की ओर से अंजुमन फ खरिया चिश्तिया कमेटी अजमेर के सदस्यों की दस्तारबंदी की जाएगी।
व्यापारी उत्साहित : उर्स में बड़ी संख्या में जायरीन की आवक से मेला चौक में विभिन्न वस्तुओं की दुकानें सजाकर बैठे व्यापारी काफ ी उत्साहित हैं। गणेश तालाब स्थित विश्राम स्थली से लेकर दरगाह तक दुकानदारों ने अपने डेरे जमा रखे हैं। इनमें विशेष रूप से गोटा-किनारी, किराने की वस्तुएं, खेल-खिलौने आदि शामिल हैं।
मेला चौक में रंगत परवान पर : उर्स में मेला चौक में लगे झूलों व अन्य मनोरंजक साधनों ने धूम मचा रखी है। जायरीन के साथ-साथ स्थानीय लोग भी इनका लुत्फ उठा रहे हैं। मेला चौक में इस बार गगनचुंबी विद्युत झूलों के अलावा क्रास झूले, नाव झूले, बच्चों के छोटे झूले, चकरियां, जम्पिंग झूले आदि लगने तथा खेल-खिलौनों की दुकानें सजने से देर रात तक यहां भीड़ दिखाई दे रही है।