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अगर वो नहीं पहुंचते समय पर तो हो जाती एक और भू्रण हत्या, फिर क्या हुआ पढ़ें पूरी खबर

locationअजमेरPublished: Sep 04, 2017 12:28:00 pm

Submitted by:

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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सजगता एवं तत्परता से कथित भ्रूण हत्या होने से बच गई।

health and medical department took action against doctors and lady who were Feticide
 अजमेर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सजगता एवं तत्परता से कथित भ्रूण हत्या होने से बच गई। निजी नर्सिंग होम में गर्भवती की एंट्री नहीं होने एवं गर्भवती के बयानों में विरोधाभास होने पर चिकित्सा विभाग की टीम की ओर से अस्पताल के रिकॉर्ड की प्रतियां कब्जे में लेकर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भिजवा दी। वहीं गर्भवती को हिदायत दी गई है कि अगर दुबारा गर्भपात कराने का प्रयास किया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फॉयसागर रोड पुलिस चौकी के निकट स्थित किरण नर्सिंग होम में रविवार सुबह करीब ११ बजे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. सोनी, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामलाल चौधरी, सहायक औषधि नियंत्रण ईश्वर यादव, पीसीपीएनडीटी जिला समन्वयक ओ.पी. टेपण पहुंचे, जहां तीन गर्भवती मिली।
नर्सिंग होम में टीम की ओर से निरीक्षण किया रिकॉर्ड खंगाला तो वहां दो गर्भवती महिलाओं की एंट्री पाई गई, जबकि एक गर्भवती युवती की एंट्री उसमें नहीं मिली। जबकि युवती नर्सिंग होम में ही थी। डॉ. सोनी ने जब गर्भवती से से जानकारी ली तो उसने बताया कि उसके ९ माह पूरे हो गए हैं और डिलीवरी करवाने आई हैं। जबकि रिकॉर्ड व सोनोग्राफी रिपोर्ट अनुसार गर्भवती को २० सप्ताह ही हुए। शक होने पर गहनता से पड़ताल की तो पता चला कि वह रात्रि में ही नर्सिंग होम में भर्ती हुई थी मगर एंट्री नहीं मिली।

टीम के बाद पहुंची गायनी चिकित्सक सीएमएचओ डॉ. सोनी ने बताया कि टीम की ओर से निरीक्षण के बाद नर्सिंग होम की महिला चिकित्सक डॉ. सुशीला यादव पहुंचीं जिन्होंने संबंधित गर्भवती के बारे में कोई जानकारी होने से इन्कार कर दिया। न है उनने जांच, परामर्श की बात स्वीकारी। गर्भवती की एंट्री नहीं होने पर चिकित्सक, गर्भवती के बयान दर्ज कर रिपोर्ट निदेशक (पीएच) डॉ. वी.के. माथुर उच्चाधिकारियों की भिजवा दी गई। टीम में ओ.पी. कुंतल, कुलदीप कविया भी शामिल थे। नहीं मिली गर्भपात संबंधी दवा सहायक औषधि नियंत्रक यादव ने नर्सिंग होम में निरीक्षण कर वहां रखी दवाइयों आदि की जांच की। लेकिन उनमें गर्भपात संबंधी कोई दवा नहीं मिली।
विभाग रखेगा नजर

गर्भवती महिला की गतिविधियों पर अब विभाग/पीसीपीएनडीटी के तहत नजर रखी जाएगी। जिन सोनोग्राफी सेन्टर की ओर से सोनोग्राफी करवाई जा रही है उनकी रिपोर्ट के साथ जब तक ९ माह का प्रसव नहीं होता है तब है इस केस पर ध्यान रखा जाएगा। हालांकि अधिकारियों ने रामगंज न्यू गोविन्द नगर निवासी गर्भवती को हिदायत दे दी है।
पीसीपीएनडीटी में हो सकती है कार्रवाई गर्भपात के प्रयास एवं बिना एंट्री गर्भवती को भर्ती करने की उच्चाधिकारियों की रिपोर्ट भेज दी है। प्रकरण में पीसीपीएनडीटी के तहत कार्रवाई हो सकती है।
अवैध गर्भपात की शक की वजह

-गर्भवती के भर्ती होने के बावजूद एंट्री नहीं होना।

-गर्भवती के पूर्व में ढाई वर्ष की पुत्री होना।

-शारदा नर्सिंग होम से १० सप्ताह में सोनोग्राफी के बाद फिर सोनोग्राफी।
-मेडिस्केन से ३१ अगस्त के बाद फिर सोनोग्राफी एवं इसके बाद और सोनोग्राफी की आशंका।

-नर्सिंग होम में गर्भवती का दो बार बयान बदलना।

-संबंधित महिला चिकित्सक की ओर से गर्भवती की जांच व परामर्श से इंकार।
-गर्भवती के न्यू गोविन्दनगर रामगंज से फॉयसागर रोड पर आकर भर्ती होना।

उच्चाधिकारियों के निर्देश पर टीम के साथ किरण नर्सिंग होम में निरीक्षण किया। तीन में से एक भर्ती गर्भवती की एंट्री नहीं पाई गई। बयान भी विरोधाभासी थे। अस्पताल के रिकॉर्ड की फोटो प्रतियां लेकर व चिकित्सक, गर्भवती के बयान लेकर रिपोर्ट डायरेक्टर को भिजवा दी गई है। -डॉ. के.के. सोनी, सीएमएचओ अजमेर
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