अजमेर

मौसमी रोगों के नियंत्रण के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थय विभाग ने चलाई ये खास मुहिम

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अजमेरDec 17, 2018 / 04:54 pm

सोनम

मौसमी रोगों के नियंत्रण के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थय विभाग ने चलाई ये खास मुहिम

 
अजमेर. मौसमी बीमारियों के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुहिम चलाई जा रही है। इसमें आमजन को स्वास्थ्य शिक्षा के साथ बीमारियों से निपटने के लिए अपने स्तर पर बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया जाएगा। यही नहीं स्वास्थ्य दलों की ओर से घर-घर जाकर पानी के रिसोर्सेज आदि का निरीक्षण किया जाएगा।

अजमेर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों के नियंत्रण के लिए सोमवार से स्वास्थ्य दल आपके द्वार अभियान-तृतीय शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के दौरान दो-दो सदस्यों की स्वास्थ्य टीमें गठित की गई है, जिसमें एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एमपीडब्ल्यू, महिला आरोग्य समिति के सदस्य होंगे। प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज के जीएनएम प्रशिक्षार्थियों का भी सहयोग लिया जाएगा।
 

मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जीका, स्वाइन फ्लू बीमारियों के बचाव के लिए भी जागरूक किया जाएगा।कार्यशाला में दिए निर्देशस्वास्थ्य संकुल में अभियान को लेकर जिले में संचालित सरकारी एवं निजी नर्सिंक कॉलेज के प्राचार्य की मीटिंग सीएमएचओ डॉ. के.के. सोनी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। अभियान में नर्सिंग छात्र-छात्राओं के सहयोग से सर्वे व गतिविधियां अंजाम दी जाएगी। वहीं डिप्टी सीएमएचओ डॉ. रास्वरूप किराडिय़ा, एपिडिमियोलॉजिस्ट मुकेश कुमार , रितु सिंह, शिखर जैन आदि उपस्थित रहे। संबंधित बीमारियों के रोगी पाए जाने पर 50 घरों में एक्टिव सर्वे किया जाकर फीवर सर्वे, एंटीलार्वा गतिविधि एवं स्वाइन फ्लू रोगियों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों तो उपचारित करने संबंधी निर्देश दिए।
यह कार्य करेंगे स्वास्थ्य दल :

-घर-घर जाकर बुखार के रोगियों का सर्वे एवं रक्त पट्टिका से चयन व उपचार।
-घरों में पानी भरने के कंटेनर, बर्तन, परिंडे, सोमेंट, प्सास्टिक की टंकी, कूलर, फ्रिज आदि में लार्वा पाए जाने पर नष्ट करना।
-नालियों व पानी से भगे गड्ढों में एनएलओ डालकर मच्छरों का लार्वा नष्ट करना।
-पानी के कंटेनर को खाली कर सप्ताह में एक दिन सूखा रखने को प्रेरित करना।

-मच्छरों से बचाव के लिए पूरी आस्तीन की कमीज व कपड़े पहनना, मच्छरदानी के प्रयोग के बारे में बताना।
-पशुपालन विभाग के सहयोग से स्क्रब टायफस हाइरिस्क एरिया में पशुओं पर माईट स्प्रे करवाना।
-विद्यालयों में प्रार्थना सभा में डेंगू, मलेरियास जीका, स्वाइन फ्लू आदि की जानकारी देना।
-घर-घर सर्वे के दौरान सर्दी, खांसी, जुकाम के रोगियों का सर्वे व स्वाइन फ्लू केटेगरी के रोगियों को परामर्श।

-गर्भवती महिलाओं की स्वाइन फ्लू स्क्रीनिंग की जाएगा।
-विद्यालय, हॉस्टल एवं रैन बसेरों में स्वाइन फ्लू की स्क्रीनिंग की जाएगी।
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