Health: बढ़ाएं रोग-प्रतिरोधक क्षमता, तब रहेगी अच्छी हैल्थ
कोरोना संक्रमण का सीधा संबंध खांसी, जुखाम, बुखार और फेफड़ों से है। लिहाजा रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखनी बहुत आवश्यक है।

अजमेर. नोवल कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को जकड़ लिया है। लाखों लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। भारत भी इनमें शामिल हैं। कोरोना वायरस की अब तक कोई दवा अथवा टीका नहीं बना है। लोगों का विश्वास ऐलोपैथिक मेडिसन के अलावा प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, गुणकारी वनस्पतियों-औषधियों के अलावा होम्योपैथी पर कायम है। लोग रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने के लिए अपने स्तर पर प्रयासरत हैं।
कोरोना संक्रमण का सीधा संबंध खांसी, जुखाम, बुखार और फेफड़ों से है। लिहाजा रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखनी बहुत आवश्यक है। आयुर्वेदाचार्य और वैद्य लोगों को इसके लिए साधारण से उपाय करने की सलाह दे रहे हैं।
करें इस काढ़े का सेवन
तुलसी पत्र की करीब 5 पत्तियां, गुड़ या शहद-1 टुकड़ा या 10 ग्राम या 1 चम्मच शहद, काली मिर्च के 5 नग, बड़ी इलायची (डोडा)-1, हल्दी 1 चुटकी, अदरक या लौंग-1 टुकड़ा। इन्हें पानी में उबालर छान लें और कप या गिलास में भरकर चाय-कॉफी की तरह सेवन करें। यह शरीर में कफ, बलगम को हटाने, जुखाम-खांसी में आराम पहुंचाता है।इसी तरह भारंगी, वहेड़ा, छोटी हरड़, मुलहेटी, गाजेवा इत्यादि सामान मात्रा में मिला लें। इन्हें पानी में डालक मंदी आंच में पकाकर के रखें। फिर गुड़ व शहद डालकर सेवन करें।
चंद्रकांत चतुर्वेदी, आयुर्वेद वैद्य, मदस विश्वविद्यालय
बढ़ाएं रोग-प्रतिरोधक क्षमता
हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कैसी है, यह बहुत अहम है। कोरोना या कोई भी वायरस-बैक्टीरिया कमजोर इम्यूनिटी वालों को ही जकड़ता है। इसके लिए जीवन शैली में डाइट (भोजन) अहम है। लोगों को नियमित भोजन में सब्जियों, दालों की मात्रा को अधिकाधिक शामिल करना चाहिए। एंटी ऑक्सीडेंट्स भी इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। पालक, गोभी, जामुन, पपीता, संतरा, मक्का, टमाटर का सेवन लाभदायक रहता है। योग-व्यायाम, कसरत, साइकिल चलाना, दौडऩा भी फायदेमंद है। नशीले-मादक पदार्थों से दूरी बहुत जरूरी है। यह सभी उपाय किसी भी वायरस या बीमारी से बचने और स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक हैं।
डॉ. बी. के. त्रिवेदी, होम्योपैथी चिकित्सक
ये है हमारा इम्यून सिस्टम
रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) शरीर का सुरक्षाकर्मी है। यह वायरस, बैक्टीरिया, फंगस सहित सभी प्रकार के रोगाणुओं से लड़ता है। इम्यून सिस्टम दो तरह का होता है। हमारी त्वचा और नाक में लार पहला रक्षक है। इसके अलावा हमारी जीवनचर्या दूसरी रक्षक है। इसमें खान-पान और आदतें शामिल होती हैं। कई बार वायरस, बैक्टीरिया और फंगस हमारे शरीर के भीतर पहुंच जाते हैं। यही स्वाइन फ्लू, जीका, हेपेटाइटिस या कोरोना कहलाते हैं। इम्यून सिस्टम ही इनसे लड़ता है। जिसका इम्यून सिस्टम मजबूत है, वह स्वस्थ रहता है। खराब सिस्टम वाले व्यक्ति को यह नुकसान पहुंचाते हैं।
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