जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में पुलिस टीमें बसई डांग थाना क्षेत्र के गांव रजई में डेरा डाले हुए है। यहां पुलिस ने स्टॉक को जब्त भी किया है। मानसून के दौरान होने वाली बारिश के चलते चम्बल के गहरे घाट इतने फिसलन भरे हो जाते है कि उनपर होकर ट्रेक्टर ट्रॉली ऊपर लाना लगभग असंभव हो जाता है। ऐसे में माफिया मानसून से पूर्व हजारों ट्रॉलियां रेता का उत्खनन कर उसे घाटों से ऊपर लाकर समीपवर्ती गांवों में एकत्रित कर लेता है। मानसून में जब बजरी के दाम दोगुने से भी अधिक हो जाते है और ऐसे में माफिया इस रेता को मंडियों में भेजकर दोहरा लाभ उठा लेते है।माफिया इन दिनों में चंबल के घाटों पर दिन रात खनन करने में जुटे हुए है।
माफिया के हमले पर पुलिस की सख्ती जिले में बजरी माफियाओं की ओर से पुलिस पर हमलों की वारदातों को लेकर पुलिस की सख्ती बनी हुई है। जहां एक ओर से बजरी के अवैध परिवहन को रोकने के लिए सीमाओं पर पुलिस की सख्ती बढ़ा दी है, तो वहीं बजरी परिवहन के रास्तों को भी जिलेभर में अवरुद्ध कर दिया है। माफिया मानसून के दौरान बजरी परिवहन की फिराक में है।
बसई डांग में पुलिस का डेरा जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने निर्देशन में बाड़ी सदर, बाड़ी, बसई डांग थानों की पुलिस के अलावा जिला स्पेशल टीम भी बसई डांग क्षेत्र में चंबल घाटों पर डेरा डाले हुए है। बीते दो दिनों में पुलिस टीमों ने यहां से करीब १५ डंपर चंबल बजरी को जब्त करते हुए दो ट्रेक्टरों व एक माफिया को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जब्त बजरी को इस बार मौके पर ही नष्ट ना करते हुए पुलिस लाइन में स्टॉक किया है। यहां से इसके निस्तारण की नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सभी घाटों पर विशेष निगरानी जिले मेें बाड़ी क्षेत्र के अलावा राजाखेड़ा, धौलपुर, सरमथुरा क्षेत्र में करीब दो दर्जन से अधिक चंबल नदी पर बने घाट है, जिनमें बजरी का खनन होता है। इसमें सबसे अधिक खनन राजाखेड़ा क्षेत्र में घाटों से होता है। इन घाटों पर इस बार मानसून पूर्व स्टॉक को लेकर संबंधित थाना पुलिस को निगरानी रखने के निर्देश दिए है।
इनका कहना है चंबल घाटों पर स्टॉक को जब्त करने की कार्रवाईयां की जा रही है। जब्त बजरी को लेकर जिला कलक्टर को नियमानुसार नीलामी कराने के लिए लिखा जाएगा। केसर सिंह शेखावत, जिला पुलिस अधीक्षक, धौलपुर