एक बेड पर दो-तीन बच्चे आलम यह है कि जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में नए मरीजों को भर्ती करने के लिए भी जगह नहीं है। एक बेड पर दो-दो मरीज भर्ती हैं। दिन के वक्त तो मरीजों की संख्या इस कदर बढ़ जाती है कि पैर रखने को भी जगह नहीं मिलती। हालांकि, शाम को अधिकतर लोग बच्चों को छुट्टी करा ले जाते हैं।
गर्मी बनी बैरन धौलपुर मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हरिओम गर्ग ने बताया कि इस बार गर्मी के अधिक तीखे तेवरों के कारण बच्चे डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। ओपीडी में बुखार, उल्टी व दस्त से पीडि़त बच्चों को अभिभावक इलाज के लिए लेकर आ रहे हैं। इससे बचाव को लेकर अभिभावकों को जागरूक होने की जरूरत है। खाना-खाने से पहले बच्चे हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। धूप में बाहर न निकलें। पानी उबालकर या आरओ का पीएं। बासी खाना व फास्ट फूड के सेवन से बचें। ताजा फल व खाना खाएं। किसी प्रकार की दिक्कत आने पर विशेषज्ञ चिकित्सक से जांच करा इलाज लें।
नुकसान कर रहा बाहर का खाना इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। कोरोना के कारण दो साल तक पाबंदियों के बाद अब धूमधाम से शादियां हो रही हैं। ऐसे में लोगों का खानपान बाहर ही हो रहा है। गर्मी के मौसम में बाहर का खाना लोगों खासकर बच्चों को बीमार कर रहा है। मई के मौसम में लगभग हर रोज ही सावा है। ऐसे में लोगों को शादी समारोहों में आना-जाना पड़ रहा है।
बचाव के उपाय - तेज धूप में जाने से बचें
- बाहर की चीजों का न करें - अधिक से अधिक पानी पीएं
- दाल का पानी पिलाएं - चावल का मांड पिएं
- दही-केला सेवन कराएं
-विशेषज्ञ डॉक्टर से उपचार लें। गर्मी से हाल बेहाल, पारा 44 डिग्री के पार दिनोंदिन चढ़ता तापमान नए रेकॉर्ड बना रहा है। कड़ी धूप और लू के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है। भीषण गर्मी से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होने लगा है। आलम यह है कि दोपहर में लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। मंगलवार को जिले का अधिकतम तापमान 44 डिग्री को पार कर गया। जबकि न्यूनतम तापमान भी 28 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। ऐसे में लोगों को रात में भी गर्मी से राहत नहीं मिली। तापमान में हो रहे इजाफे से गर्मी का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। सुबह आठ बजे से ही गर्मी अपना असर दिखाना शुरू कर देती है और दोपहर तक सडक़ों पर सन्नाटा पसर जाता है। फिर शाम को धूप ढलने के बाद ही लोग सडक़ों पर नजर आते हैं।