महाविद्यालय में कॉमर्स और मैनेजमेंट ब्लॉक के निकट मिनी ऑडिटोरियम बनाया जा रहा है। करीब पांच सौ सीटों की क्षमता का यह ऑडिटोरियम पूर्णत: हाइटेक होगा। इसमें करीब 15 ए.सी, अत्याधुनिक कुर्सियां, स्मार्ट बोर्ड, स्मार्ट कम्प्यूटर पॉडियम, प्रोजेक्टर, स्क्रीन, साउंड सिस्टम, वाई-फाई सुविधा, अग्निशमन यंत्र और अन्य संसाधन जुटाए जाएंगे। ऑडिटोरियम में शैक्षिक सेमिनार, कॉन्फे्रंस, शैक्षिक उन्नयन कार्यक्रम होंगे।
1.10 करोड़ रुपए होंगे खर्च मिनी ऑडिटोरियम का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। ऑडिटोरियम भवन को सीढ़ीनुमा बनाया गया है। इसमें मिनी स्टेज, अतिथियों के लिए छोटा कॉन्फे्रंस रूम, किचन, स्टोर भी बनाया गया है। इसके अलावा नि:शक्तजन की आवाजाही के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत कॉलेज को 70 लाख रुपए दिए गए हैं। जबकि 40 लाख रुपए कॉलेज प्रशासन देगा।
———–
———–
प्रदेश में नायाब होगा ऑडिटोरियम
1836 में स्थापित सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय प्रदेश की सबसे पुराना संस्था है। अन्य कॉलेज के मुकाबले यहां सर्वाधिक संसाधन हैं। यहां नवनिर्मित मिनी ऑडिटोरियम प्रदेश में नायाब होगा। इसके अलावा कॉलेज में करीब दो हजार सीट की क्षमता वाला महाराणा प्रताप सभागार भी है। यह भी अपनी बनावट और आंतरिक सज्जा के चलते काफी विख्यात है। मालूम हो कि राजकीय महाविद्यालय का निर्माण तत्कालीन ब्रिटिश राज में हुआ था। यहां के कई पूर्व विद्यार्थी आईएएस, आईपीएस, न्यायिक सेवा, रक्षा सेवा, खेलकूद, राजनीति और अन्य क्षेत्रों में उच्च पदों पर पहुंचे हैं।
1836 में स्थापित सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय प्रदेश की सबसे पुराना संस्था है। अन्य कॉलेज के मुकाबले यहां सर्वाधिक संसाधन हैं। यहां नवनिर्मित मिनी ऑडिटोरियम प्रदेश में नायाब होगा। इसके अलावा कॉलेज में करीब दो हजार सीट की क्षमता वाला महाराणा प्रताप सभागार भी है। यह भी अपनी बनावट और आंतरिक सज्जा के चलते काफी विख्यात है। मालूम हो कि राजकीय महाविद्यालय का निर्माण तत्कालीन ब्रिटिश राज में हुआ था। यहां के कई पूर्व विद्यार्थी आईएएस, आईपीएस, न्यायिक सेवा, रक्षा सेवा, खेलकूद, राजनीति और अन्य क्षेत्रों में उच्च पदों पर पहुंचे हैं।
बनेगी हाईटेक कम्प्यूटर लैब कॉलेज में हाइटेक कम्प्यूटर लैब भी तैयार की जाएगी। इसमें करीब 70-80 कम्प्यूटर लगाए जाएंगे। भविष्य में राजस्थान लोक सेवा आयोग और भर्ती एजेंसियों की ऑनलाइन भर्ती परीक्षाएं कराई जा सकेंगी। साथ ही कॉलेज में होने वाले संगोष्ठी-सेमिनार में भी इसका उपयोग हो सकेगा। कम्प्यूटर लैब के लिए स्थान की तलाश जारी है। महाराणा प्रताप ऑडिटेरियम से सटे आट्र्स-कॉमर्स ब्लॉक अथवा अन्य जगह लैब बनाई जा सकती है। फिलहाल इस प्रोजेक्ट पर विचार-विमर्श शुरू हुआ है। प्रशासनिक अनुमति मिलने के बाद कामकाज प्रारंभ किया जाएगा।