अजमेर

ये है राजहठ….बड़े साहब पर उठ रही अंगुलियां, फिर भी आंखों पर बांधी पट्टी

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अजमेरNov 16, 2018 / 04:00 pm

raktim tiwari

stay on VC work

अजमेर. राजस्थान हाईकोर्ट ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति का मामला अटका हुआ है। बुधवार को मामले की चौथी बार सुनवाई होनी है। फिलहाल कुलपति के कामकाज पर रोक जारी है। इसके चलते विश्वविद्यालय का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
लक्ष्मीनारायण बैरवा की जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग की खंडपीठ ने बीती 11 अक्टूबर को महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह को नोटिस जारी कर 26 अक्टूबर तक कामकाज पर रोक लगाई थी। इसके बाद न्यायाधीश संगीत लोढा और दिनेश मेहता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद रोक 1 नवम्बर और इसके बाद 16 नवंबर तक बढ़ा दी थी।
कैसे बना दिया कुलपति….
बीती 16 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग और जस्टिस पी. एस. भाटी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। उन्होंने कुलपति प्रो. आर. पी.सिंह के कामकाज पर 28 नवंबर रोक यथावत रखी। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश ने सरकार के महाधिवक्ता से पूछा कि सरकार ने ऐसे व्यक्ति को कुलपति कैसे बना दिया। इस मामले में महाधिवक्ता ने कोई जवाब नहीं दिया। इस पर खंडपीठ ने प्रो.सिंह के कामकाज पर रोक के आदेश यथावत रखे।
कामकाज पर असर

सरकार उधर कुलपति की गैर मौजूदगी से विश्वविद्यालय में एक महीने से कामकाज प्रभावित है। कई वित्तीय और प्रशासनिक मामलों की फाइल अटक गई हैं। कुलपति की अनुपस्थिति से समस्याएं बढ़ रही हैं। विधानसभा में संशोधित एक्ट के मुताबिक विश्वविद्यालय में 12 अक्टूबर से ही कुलपति का पद रिक्त है। लेकिन राजभवन और सरकार ने कार्यवाहक कुलपति नियुक्त नहीं किया है।
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