पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने बताया कि वकील आदर्श नगर बालुपुरा रोड विवेक विहार कॉलोनी निवासी सुरेन्द्र सिंह चौधरी ने शिकायत दी कि हिस्ट्रीशीटर संजय मीणा उसको लगातार कॉल करके जान से मारने की धमकी दे रहा है। चौधरी ने बताया कि संजय मीणा ने यह कॉल 17 अक्टूबर 2017 से 9 जनवरी 2018 के बीच किए। सिंह ने बताया कि आदर्शनगर थाना पुलिस ने चौधरी की रिपोर्ट पर धमकी देने का मामला दर्ज किया है। पुलिस सुरेन्द्र चौधरी के मोबाइल कॉल डिटेल व कॉलर के नम्बर की लोकेशन की पड़ताल में जुटी है।
पहले भी आया था नाम वकील सुरेन्द्र चौधरी मृतक हिस्ट्रीशीटर रामकेश मीणा के साथ प्रोपर्टी का काम करता था। रामकेश की हत्या के मामले में गिरफ्तार धर्मेन्द्र चौधरी गुट के शार्पशूटर रामस्वरूप उर्फ गजनी ने भी गिरफ्तारी के वक्त वकील सुरेन्द्र सिंह की हत्या की साजिश रचना कबूला था। हालांकि धर्मेन्द्र चौधरी की हत्या के बाद गिरोह के मास्टर माइंड वरुण चौधरी अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
पैसे के लिए आपसी कलह
प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि धर्मेन्द्र चौधरी हत्याकांड में गिरफ्तार संजय मीणा को जेल में एक साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। संजय मीणा की गिरफ्तारी के बाद उसका ***** रजत और उसके आधा दर्जन साथी भी ज्वैलर्स और उसके बेटे पर जानलेवा हमले की साजिश के मामले में जेल चले गए। सूत्रों के मुताबिक संजय मीणा व उसके गुर्गों की जेल के भीतर-बाहर आर्थिक मदद करने वाला सिर्फ वकील सुरेन्द्रसिंह चौधरी बचा था। संजय ने पुराने प्रोपर्टी के लेनदेन के लिए सुरेन्द्र सिंह चौधरी से सम्पर्क साधा तो बात बिगड़ गई। संजय ने उसे जान से मारने की धमकी दे डाली।
प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि धर्मेन्द्र चौधरी हत्याकांड में गिरफ्तार संजय मीणा को जेल में एक साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। संजय मीणा की गिरफ्तारी के बाद उसका ***** रजत और उसके आधा दर्जन साथी भी ज्वैलर्स और उसके बेटे पर जानलेवा हमले की साजिश के मामले में जेल चले गए। सूत्रों के मुताबिक संजय मीणा व उसके गुर्गों की जेल के भीतर-बाहर आर्थिक मदद करने वाला सिर्फ वकील सुरेन्द्रसिंह चौधरी बचा था। संजय ने पुराने प्रोपर्टी के लेनदेन के लिए सुरेन्द्र सिंह चौधरी से सम्पर्क साधा तो बात बिगड़ गई। संजय ने उसे जान से मारने की धमकी दे डाली।
जेल में थी गैंगवार की आशंका धर्मेन्द्र चौधरी की गोली मारकर हत्या के मामले में हिस्ट्रीशीटर संजय मीणा समेत उसके गुर्गे जेल पहुंच गए। रामकेश मीणा की हत्या के बाद धर्मेन्द्र चौधरी के बड़ा भाई राजेश चौधरी समेत करीब 17 गुर्गे जेल पहुंच गए। दोनों प्रतिद्वंदी गुट के अजमेर सेंट्रल जेल पहुंचते ही गैंगवार की संभावनाएं बढ़ गई। जेल प्रशासन ने 3 माह पहले संजय को टोंक जेल भेजकर उसके साथियों को प्रदेश की विभिन्न जेल में भेज दिया जबकि धर्मेन्द्र गुट के गुर्गे अजमेर सेंट्रल जेल में हैं।
जेल में मोबाइल?
जेल से धमकाने के मामले ने एकबारगी फिर जेल सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया है। जेल में सुविधा शुल्क पर मोबाइल सुविधा दिए जाने की व्यवस्था सिर्फ अजमेर में ही नहीं वरन् प्रदेश की समस्त जेलों में है। टोंक जेल से आए कॉल की पुलिस गहनता से पड़ताल में जुटी है। पुलिस फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कॉल जेल से किया है या बाहर से किया गया है।
जेल से धमकाने के मामले ने एकबारगी फिर जेल सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया है। जेल में सुविधा शुल्क पर मोबाइल सुविधा दिए जाने की व्यवस्था सिर्फ अजमेर में ही नहीं वरन् प्रदेश की समस्त जेलों में है। टोंक जेल से आए कॉल की पुलिस गहनता से पड़ताल में जुटी है। पुलिस फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कॉल जेल से किया है या बाहर से किया गया है।