पुलिस के अनुसार सुभाष नगर नारीशाली रोड निवासी प्रोपर्टी व्यवसायी देशराज राजपूत व उसकी पत्नी इन्द्रादेवी ने इस्तगासे से रामगंज थाने में खानपुरा निवासी राहुल सिंह जादौन, जवाहर की नाड़ी निवासी संदीप चौहान व 3 महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
इस्तगासे में देशराज सिंह ने बताया कि जवाहर की नाड़ी निवासी संदीप चौहान के साथ प्रोपर्टी का काम करता था जबकि उसके दोस्त राहुल को वह पहले से जानता था। गत 5 जुलाई को संदीप उसे सुभाष नगर स्थित घर पर जबरन ले गया। जहां राहुल, उसकी पत्नी व दो अन्य महिलाएं पहले से मौजूद थे।
जबरन शराब पिलाई, वीडियो बनाया
राहुल ने शराब की बोतल खोल रखी थी। उसे भी जबरन शराब पिलाई गई। आरोपियों ने उसे अपने घर पर ही सुला दिया। दूसरे दिन सुबह जब वह उठा तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। आरोपी संदीप और राहुल उसके पास आए। उन्होंने अपने मोबाइल फोन में महिलाओं के साथ बनाए गए अश्लील वीडियो व फोटो दिखाए तो उसके होश उड़ गए। आरोपियों ने उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देते हुए 11 लाख की मांग की। आरोपियों ने धमकाते हुए उससे पहले 7 लाख और फिर 5 लाख रुपए वसूले। जबकि दो लाख रुपए का उसका यूको बैंक का चेक रख लिया। जिसे कुछ दिन बाद आरोपियों ने किसी अन्य के नाम पर भुना लिया।
महिला के नाम कराया ऑफिस पीडि़त ने बताया कि 12 लाख रुपए की नकदी लेने के बाद भी आरोपी 8 जुलाई को उसके घर पहुंच गए। आरोपियों ने उसकी पत्नी को अश्लील वीडियो दिखाते हुए पति को जेल भिजवाने की धमकी दी। आरोपियों ने उसकी एवज में सोमलपुर दीपदर्शन कॉलोनी स्थित प्रोपर्टी कार्यालय को गिरोह में शामिल महिला के नाम करने की शर्त रखी। परिवादी ने महिला के नाम ऑफिस का विक्रय पत्र निष्पादित कर दिया।
पहले भी फंसे चुके हैं व्यवसायी पीडि़त देशराज ने रिपोर्ट में बताया कि संदीप, राहुल ने महिलाओं के साथ मिलकर संगठित गिरोह बना रखा है। इससे पूर्व उसके भांजे को फांस कर साढ़े आठ लाख रुपए ऐंठ चुके हैं। इसके अलावा साथी प्रोपर्टी डीलर भरत जेठनानी, सद्दाम चीता, महेश नायक, सलीम चीता, जहूर मोहम्मद के खिलाफ सिविल लाइन थाने में गिरोह में शामिल महिला सामूहिक बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवा चुकी है। प्रकरण में फिलहाल अनुसंधान किया जा रहा है।
पुलिस ने नहीं की थी सुनवाई. . . परिवादी देशराज ने बताया कि वह आत्महत्या का मानस बना चुका था। लेकिन एक मेडिकल स्टोर संचालक ने उसे समझाइश करते हुए कानूनी मदद की सलाह दी। पीडि़त की पत्नी ने भी कानूनी लड़ाई लडऩे का मन बनाया। परिवादी ने मामले में रामगंज थाने में 30 सितम्बर को परिवाद दिया था। जिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके बाद जिला पुलिस के आलाधिकारियों को भी परिवाद दिया लेकिन सुनवाई नहीं हुई। आखिर कोर्ट में इस्तगासा दायर कर मुकदमा दर्ज करवाना पड़ा।