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Human story…’पराई पीर’ से महिला चिकित्सकों का खिलवाड़!

locationअजमेरPublished: Sep 12, 2021 01:53:35 am

Submitted by:

manish Singh

-बलात्कार की पीडि़ताओं का ‘मेडिकल’ करने से कर देती हैं इनकार
 

Human story...'पराई पीरÓ से महिला चिकित्सकों का खिलवाड़!

Human story…’पराई पीरÓ से महिला चिकित्सकों का खिलवाड़!

मनीष कुमार सिंह

अजमेर. जाके पैर ना फटी बिवाई, वो का जाने पीर पराई. . .में शब्दों का कातर भावार्थ और पीडि़त द्वारा भोगी जाने वाली पीड़ा का मर्म भले ही इस दोहे को पढऩे वाले स्कूली विद्यार्थी समझते होंगे, लेकिन मानवीयता से सीधा सरोकार रखने को वचनबद्ध होने वाली कुछ महिला चिकित्सक इसके मर्म को मात्र शब्दरूप में ही परिभाषित कर खुद के पेशागत मानवीय सरोकारों को खुद ही सवालिया बना रही हैं. . .! जहां सरकार महिला अपराध को संवेदनशील मानते हुए पीडि़ताओं को उन्हें त्वरित न्याय व राहत देने की कवायद कर रही है वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्र में तैनात कुछ महिला चिकित्सक कानूनी पेचीदगियों से बचने के लिए ‘महिला पीरÓ को अनदेखा कर ऐसी पीडिताओं का मेडिकल करने से पल्ला झाड़ रही हैं।
मेडिकल करने से बचने की जुगत
जिले के अजमेर ग्रामीण वृत में दर्ज होने वाले बलात्कार व पोक्सो एक्ट के मामलों में स्थानीय महिला चिकित्सक मेडिकल से बचने के लिए ‘छुट्टी या फिर हमें नहीं आताÓ का बहाना बनाकर पीडिताओं का मेडिकल करने से बचने की जुगत में रहती हैं। ऐसे में सामुदायिक या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी भी केस को अजमेर रैफर कर पल्ला झाड़ रहे हैं।
लेडी डॉक्टर ने किया इनकार

शनिवार को पुलिस राजकीय चिकित्सालय पुष्कर में बलात्कार पीडि़ता का मेडिकल कराने के लिए लेकर पहुंची लेकिन मौजूदा चिकित्सकों ने मेडिकल से इनकार कर दिया। काफी अनुरोध के बाद भी पीडि़ता का मेडिकल ना कर पीएमओ ने उसे ‘महिला चिकित्सक व स्त्रीरोग विशेषज्ञ उपस्थिति नहीं हैÓ लिखकर जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। जबकि अस्पताल में एक महिला चिकित्सक मौजूद थी।
पुष्कर के राजकीय चिकित्सालय में करीब डेढ़ दर्जन चिकित्सकों की टीम तैनात है। उसमें तीन महिला चिकित्सक और दो सोनोलॉजिस्ट हैं। शनिवार को एम.ओ और ईएनटी की महिला चिकित्सक छूट्टी पर थी। अस्पताल में जो मौजूद थी उनमें से एक ने डर के कारण मेडिकल करने से इनकार कर दिया।
यह है कानून

कानूनन बलात्कार पीडि़ता को संबंधित थाना क्षेत्र में मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश हैं। महिला चिकित्सक की गैरमौजूदगी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के आदेश पर नजदीकी सेंटर से महिला चिकित्सक को भेजने का प्रावधान है। लेकिन पुष्कर वृत के चार थानों में यह समस्या आम हो चुकी है।
अजमेर ग्रामीण सर्किल में समस्या
पड़ताल में आया कि जिलेभर में सबसे ज्यादा समस्या अजमेर ग्रामीण वृत के पुष्कर, पीसांगन, मांगलियावास, गेगल थाने में है। सामुदायिक स्वास्थ्य व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर महिला चिकित्सक होने के बाद भी पीडि़ता को मेडिकल के लिए भटकना पड़ता है।
इनका कहना है…

जहां महिला चिकित्सक नहीं है वहां नजदीकी सेंटर पर ले जाया जा सकता है। पुष्कर में तीन महिला चिकित्सक हैं। वहां ऐसा नहीं होना चाहिए। संज्ञान में अब आया है। व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।
के.के. सोनी, सीएमएचओ अजमेर

चिकित्सालय में तीन महिला चिकित्सक हैं। दो छुट्टी पर थीं एक जो मौजूद थी उन्होंने कभी बलात्कार संबंधित मेडिकल नहीं किया तो केस अजमेर रैफर कर दिया।
डॉ. आर.के. गुप्ता, पीएमओ पुष्कर सीएचसी

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