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पापा..खुद मर रही हूं. .बेटी को मारने की हिम्मत नहीं..!

locationअजमेरPublished: Jan 16, 2022 03:40:47 am

Submitted by:

manish Singh

Human angle -पति व ससुराल की यातनाओं से परेशान विवाहिता ने पीहर में दी जान, शव को मोर्चरी में रखवाया, आज होगा मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम

खुद मर रही हूं. .बेटी को मारने की हिम्मत नहीं. .!

खुद मर रही हूं. .बेटी को मारने की हिम्मत नहीं. .!

मनीष कुमार सिंह

अजमेर.
पापा अब आपको मेरी वजह से किसी के सामने नहीं झुकना पड़ेगा। इसलिए इस दुनिया को छोड़कर जा रही हूं। अपनी दो साल की बेटी को मारने की हिम्मत मुझमें नहीं है। इसलिए उसका ख्याल रखना। यह कातर व्यथा उस बेटी की है जिसे तीन साल के वैवाहिक जीवन में ही इतनी पीड़ा मिली कि उसने दुनियां को ही अलविदा कह दिया। मृत्यु से पहले पिता के नाम लिखे छह पेज के सुसाइड नोट में उसने अपनी बेबसी बयां की। पिता और समाज से अपील की कि वह उसे और उसकी दो साल की मासूम बेटी को प्रताडि़त करने वालों को सजा दिलाकर उसे न्याय दिलाएं।
वैशालीनगर शिव सागर कॉलोनी निवासी मधुसुदन सोमानी की 31 वर्षीय बेटी अनुराधा ने शनिवार को संदिग्ध हालत में फांसी लगाकर जान दे दी। जब फंदे पर लटकी थी तो 2 साल की मासूम बेटी अनन्या उसके पास थी। जबकि माता-पिता और छोटा भाई सर्वेश्वर बेटी व बहन के दाम्पत्य जीवन की उथल-पुथल को संभालने की कोशिश में उसके ससुराल में समाज बंधुओं से मिलने गए थे। वे घर लौटते उससे पहले अनुराधा ही दुनियां को छोड़ गई। तीनों घर लौटे तो वह फंदे पर लटकी मिली। उसे फंदे से उतार जेएलएन अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। भाई सर्वेश्वर सोमानी ने मामले में क्रिश्चियन गंज थाने में शिकायत दी। सीओ(नॉर्थ) छवि शर्मा ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद सुसाइड नोट जब्त कर अनुसंधान शुरू कर दिया।
मासूम उठाती रही फोन

मधुसुदन सोमानी ने अनुराधा को किशनगढ़ से कॉल किया। पहली बार उनकी उससे बात हो गई लेकिन दूसरी बार बात नहीं हुई। उन्होंने कॉल किया तो दो साल की मासूम दोहिती अनन्या ने कॉल रिसीव किया लेकिन वह अपनी मां के फंदे पर लटका होना नहीं बता सकी। पड़ोसियों को कॉल किया लेकिन दरवाजा अन्दर बंद होने से वे भी बेबस रहे। घर पहुंचने पर पिता मधुसूदन सोमानी, मां और छोटा भाई सर्वेश्वर सोमानी अनुराधा को दी गई यातना व मासूम बच्ची को लेकर बिलखते रहे।
सिर्फ छह माह का साथ
अनुराधा ने सुसाइड नोट में लिखा कि तीन साल के वैवाहिक जीवन में वह पति के साथ सिर्फ छह माह रही। शादी के बाद पति उसे ससुराल छोड़कर जर्मनी चले गए। पुलिस की ओर से जब्त सुसाइट नोट में ससुर गोविन्द लाल मालपानी, सास सरोज व देवर आदित्य उसको शारीरिक व मानसिक यातनाएं देते रहे। उसने पति अनिरूद्ध को जर्मनी बुलाने की बात कही तो उसने वीजा का बहाना बना लिया। वह जैसे-तैसे जर्मनी पहुंची तो वह वहां गर्भवती हो गई।
बेटी को कोख में मारना चाहा

अनुराधा ने नोट में लिखा कि वह जर्मनी में गर्भवती हुई तो उसकी कोख में जुड़वा बच्चे थे। चिकित्सकों की जांच में एक बच्चा बीमार था तो उसे गर्भपात करा निकलवा दिया। जर्मनी में जांच के दौरान दूसरा बच्चा बेटी होने पर ससुराल पक्ष उसका भी गर्भपात करने का दबाव बनाने लगे। इसके बाद उसके पति ने उसे उसकी इच्छा के विरूद्ध जबरन किशनगढ़ भेज दिया। जहां गर्भावस्था में सास-ससुर व देवर ने यातनाएं दी।
पति के अवैध संबंध
सुसाइड नोट में लिखा कि वह बेटी अनन्या के जन्म के बाद दूसरी मर्तबा जर्मनी पहुंची। उसे पति के अवैध संबंध का पता चला तो वह भी उसे आए दिन यातनाएं देने लगा। पति अनिरूद्ध उसे खाना तक नहीं देता था। इस पर वह बेटी को लेकर स्वदेश लौट आई। तब से वह माता-पिता के पास है। उसने शादी कराने वाले मामा ससुर से मदद मांगी तो उन्होंने भी उसी को तोहमत दी।
फिर ना कोई बेटी हो शिकार

सुसाइट नोट के अंतिम पेज पर अनुराधा ने माता-पिता और भाई से माफी मांगते हुए ससुराल पक्ष को सजा दिलवाने की अपील की। ताकि फिर किसी ओर लड़की को दहेज को लेकर या बेटी होने पर यातना ना दी जाए। उसने समाज से गुजारिश की कि उसे और उसकी बेटी को न्याय मिले। उसने पिता व भाई को लिखा कि उसमें दो साल की बेटी को मारने की हिम्मत नहीं है। वे उसे अच्छा इंसान बनाएं।
इनका कहना है…
घटनास्थल का निरीक्षण किया है। सुसाइड नोट बरामद हुआ है। प्रकरण में मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी। परिजन की ओर से अब तक रिपोर्ट नहीं दी गई है। रविवार सुबह मामले में कार्रवाई की जाएगी।
छवि शर्मा, सीओ नॉर्थ

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