बोर्ड की बाहरवीं और दसवीं का परिणाम इसी माह जारी किया जाना है। प्रति वर्ष परिणाम से अंसतुष्ट लगभग सवा – डेढ़ लाख विद्यार्थी अपनी उत्तरपुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करते हैं। बोर्ड की ओर से इन विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं की संवीक्षा के बाद उन्हें उसकी प्रतिलिपि भी उपलब्ध कराई जाती है।
पुनर्मूल्यांकन के तहत उत्तरपुस्तिकाओं को नए सिरे से जंचवाया तो नहीं जाता अलबत्ता सभी प्रश्नों में दिए गए अंकों के जोड़, उत्तरपुस्तिका के मुखपृष्ठ पर सूची में क्रमवार प्रश्नों के अंकों और अंदर दिए गए अंकों का मिलान, जंचने से रह गए प्रश्नों और उत्तरपुस्तिका और अंकतालिका में अंकों के भिन्नता की जांच की जाती है। संवीक्षा के बाद संबंधित विद्यार्थियों को उत्तरपुस्तिका उपलब्ध कराई जाती है। संवीक्षा के बावजूद अगर विद्यार्थियों को अपनी उत्तरपुस्किाओं की जांच में कोई गलती नजर आए तो उन्हें 10 दिन में आपत्ति दर्ज कराने का भी अवसर दिया जाएगा।
हजारों विद्यार्थियों का बदल जाता है परिणाम उत्तरपुस्किाओं की संवीक्षा के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों में से लगभग 20-35 हजार विद्यार्थियों के अंकों में बढ़ोतरी की वजह से उनका परिणाम भी बदल जाता है।
लौटाया जाएगा शुल्क
संवीक्षा के बाद अगर किसी विद्यार्थी के अंकों में बदलाव होता है तो बोर्ड उन्हें संवीक्षा का शुल्क भी लौटाएगा। यह शुल्क गलती करने वाले संबंधित परीक्षक से वसूला जाएगा। बोर्ड संवीक्षा के लिए विद्यार्थी से प्रति विषय तीन सौ रुपए शुल्क वसूलता है।
इस बारे में बोर्ड सचिव मेघना चौधरी का कहना है कि बोर्ड की ओर से संवीक्षा कराने वाले विद्यार्थियों को उनकी उत्तरपुस्तिकाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। विद्यार्थी इस पर आपत्ति भी दर्ज करा सकते हैं। जिन विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच के दौरान कोई गलती रह जाती है उन्हें उनका संवीक्षा शुल्क भी लौटाया जाएगा।