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दवाइयां हैं तो मरीजों को क्यों उपलब्ध नहीं करवाई जा रही!

locationअजमेरPublished: Dec 06, 2019 01:35:15 am

Submitted by:

baljeet singh

ई-औषधि पर सीएम ने की चर्चा : जनाना, सेटेलाइट, व जेएलएन अस्पताल अधीक्षक एवं प्रिंसीपल को नोटिस, -नि:शुल्क दवा काउंटर पर दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश

दवाइयां हैं तो मरीजों को क्यों उपलब्ध नहीं करवाई जा रही!

कलक्टर्स की वीडियो कॉन्फे्रंसिंग में मौजूद मुख्यमंत्री गहलोत व अन्य अधिकारी।

अजमेर. प्रदेशभर के जिला कलक्टर्स के साथ मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ई-औषधि की समीक्षा के दौरान जानकारी मिली कि जिला ड्रग स्टोर में दवाइयों की उपलब्धता तो ही मगर मरीज की वितरण नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना काउंटर पर कुछ दवाइयां नहीं होने पर एनए लिखकर पर्ची थमा दी जाती है। मजबूरन मरीज को बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए भी जिला कलक्टर को कार्रवाई के भी निर्देश दिए। शाम को अजमेर जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने शहर के तीनों अस्पतालों के अधीक्षकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांग लिया।
मुख्यमंत्री की वीसी में जानकारी मिली कि डॅाक्टर मरीजों को दवाइयां तो लिखते हैं, लेकिन जब मरीज काउंटर पर जाता है तो फार्मासिस्ट पर्चे पर नॉट अवलेबल (एनए) लिखकर दवा बाहर से लेने की सलाह दे देता है। यह समस्या अजमेर सहित कई जिलों में सामने आई है। अजमेर जिले में इस मामले में जिला कलक्टर ने जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. वीर बहादुर सिंह, सेटेलाइट अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश पोरवाल, जनाना अस्पताल अधीक्षक डॉ. पूर्णिमा पचौरी को कारण बताओ नोटिस जारी किए।
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यह भी दिए निर्देश जिला कलक्टर ने साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं साप्ताहिक बैठक में अधिकारी दवा वितरण का रिकॉर्ड लेकर उपस्थित हों, जिससे इसकी समीक्षा की जा सके। मरीजों को दवा नहीं मिलती है तो एनए सॉफ्टवेयर की जानकारी दें कि कितने मरीजों को दवा नहीं मिल रही है।
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यह होती है प्रक्रिया, ऐसे पोल

जिला ड्रग स्टोर में दवाइयों का पर्याप्त भंडारण रहता है। डिमांड अनुसार अस्पतालों को आपूर्ति की जाती है। जेएलएन मेडिकल कॉलेज के दवा भण्डार में भी करीब 700 से अधिक दवाइयां उपलब्ध हैं। मगर यहां से मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के काउंटर पर डिमांड अनुसार सप्लाई होती है, ऐसे में कई बार फार्मासिस्ट दवा की कमी होने पर भण्डार से आपूर्ति नहीं करवा पाता है तो मरीजों की पर्ची पर (नॉन अवलेबल) लिख देता है। कई बार कुछ काउंटर पर संबंधित दवा की उपलब्धता अधिक होती है तो दूसरे में कम हो जाती है। इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग बेहतर करने की जरूरत है।
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वीसी में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा

अजमेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग राजस्थान सम्पर्क पोर्टल एवं मुख्यमंत्री आवास पर जनसुनवाई के प्रकरणों, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, सामाजिक पेंशन योजना,खाद्य सुरक्षा, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के साथ ही आमजन से जुड़े अन्य विषयों पर समीक्षा की।
वीसी में ये भी बोले मुख्यमंत्री
1. संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन की दिशा में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं 2. आमजन से संवेदनशीलता से पेश आएं फील्ड के ऑफिसर, सुनवाई करें3. मॉनिटरिंग के लिए अब हर माह जिला कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होगी
5. सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वार्षिक सत्यापन के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की बाध्यता हटाई जाए। सत्यापन का कार्य 31 दिसम्बर तक पूरा करें।
6. ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट जारी करने में शिथिलता नहीं बरती जाए।
7. घूंघट व बुर्का प्रथा खत्म करने के लिए महिला उत्थान का प्रयास करें। इसके लिए एनजीओ के साथ मिल वातावरण तैयार करें।
8. सेवा शुल्क वसूली में ई-मित्र संचालकों की मनमानी रोकने के लिए विभिन्न सेवाओं के लिए समान दर निर्धारित की जाए
9. तीन माह में निपटाएं 10 साल से पुराने राजस्व मामले
10. जिले के प्रभारी मंत्री, प्रभारी सचिव तथा कलक्टर मिलकर टीम की तरह कार्य करें। 11. सरकार जल्द ही प्रशासन गांवों के संग तथ प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू करेगी।
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ग्राम सेवक व लिपिक निलंबित, बीडीओ को मिलेगी चार्जशीट

पुष्कर का मामला : सम्पर्क पोर्टल पर शिकायत पर हुई कार्रवाई, नरेगा जॉब कार्ड नवीनीकरण में देरी और गलत जानकारी देने पर गिरा गाज
अजमेर. समय पर आवेदक का मनरेगा जॉब कार्ड का नवीनीकरण नहीं करने, चक्कर लगवाने तथा राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर गलत जानकारी देना पुष्कर के ग्राम सेवक व कनिष्ठ लिपिक को भारी पड़ गया।
मुख्यमंत्री की वीसी में सीएमओ सचिव आरती डोगरा ने इस मामले में अधिकारियों से पूछा तो उन्हें जवाब नहीं सूझा। जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्राम सेवक सत्य नारायण कच्छावा, कनिष्ठ लिपिक विक्रम सिंह को निलंबित कर दिया। दोनों का मुख्यालय पंचायत समिति पीसांगन किया गया है। मामले में तत्कालीन बीडीओ दिलीप कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए धारा 16 में चार्जशीट जारी की जाएगी। मामले के अनुसार परिवादी ग्राम पंचायत देवनगर बांसेली निवासी दिलीप ने नरेगा के जॉब कार्ड के नवीनीकरण के लिए लिए आवेदन किया था। लेकिन नवीनीकरण नहीं किया गया।
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