प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह श्मशान पर अतिक्रमियों के कब्जे हैं। अव्वल तो कहीं श्मशान खेतों के बीच में है। जिससे ग्रामीणों को दूसरे लोगों के खेतों और बाड़ेबंदी को को पार कर वहां तक पहुंचना पड़ता है। कहीं-कहीं लोगों ने श्मशान से सटती भूमि को अपने खेतों के साथ मिला लिया है। कुछेक जगहों पर देवी-देवताओं का स्थान श्मशान के निकट होने से भी अतिक्रमण हो चुके हैं। सरकार के पास इन्हें सख्ती से हटाने या कार्रवाई करने का इंतजाम नहीं है।
अजमेर में मुस्लिम धर्मावलंबियों का दरगाह के अंदरकोट इलाके में श्मशान स्थल है। यह जालियान कब्रिस्तान कहलाता है। जालियान और इसके आसपास के इलाकों में अवैध बांग्लादेशी और भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों ने कब्जे जमा लिए हैं। कुछेक लोग तो कब्रों के बीच जगहों पर झौपड़ी बनाकर निवास करने लगे हैं। यहीं आपराधिक गतिविधियां दी जाती हैं। हेरोइन, चरस, गांजे, अफीम की तस्करी करने वाले कई लोग यहां छिपे रहते हैं। पुलिस की यहां यदा-कदा ही कार्रवाई होती है। इसके चलते अपराधियों के लिए छुपने और अवैध कारोबार का यह सबसे बेहतरीन इलाका है। शहर के अन्य कब्रिस्तानों के आसपास भी अतिक्रमण हो रहे हैं।