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अजमेर में है पहाड़ों पर अद्भुत बस्ती, यहां घरों की खिसक जाती है जमीन

locationअजमेरPublished: Jun 18, 2018 06:49:32 pm

Submitted by:

raktim tiwari

कोटड़ा,कल्याणीपुरा, हाथीखेड़ा,बाबूगढ़,आंतेड़ क्षेत्र में पहाडि़यों पर कॉलोनियां बसा ली हैंं।

illegal houses

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अजमेर

शहर में अतिक्रमी सड़क व नदी- नाले पर तो कब्जा कर ही रहे हैं अब पहाडि़यों पर भी अवैध कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। अतिक्रमी पहाड,़ वन भूमि तथा ग्रीन बेल्ट को भी नहीं बक्श रहे हैं।
जिम्मेदारों की ढिलाई का नतीजा है कि जयपुर रोड, घूघरा,पीली खान, लोहाखान, मदार, दरगाह क्षेत्र, तारागढ़ के आसपास, छोटी व बड़ी नागफनी, ऋषि घाटी, कोटड़ा,कल्याणीपुरा, हाथीखेड़ा,बाबूगढ़,आंतेड़ क्षेत्र में पहाडि़यों पर कब्जा कर अतिक्रमियों ने कॉलोनियां बसा ली हैंं। कोटड़ा व हाथी खेड़ा की करोड़ों रूपए की बेशकीमत जमीन पर भी कब्जा हो रहा है।
इस तरह होता है खेल

अतिक्रमी पहले सरकारी भूमि पर बाड़ लगाते हैं। कुछ समय बाद चारदावारी की जाती है और कोटड़ी बना कर बिजली कनेक्शन ले लिया जाता है। इसके बाद इसके अन्य को बेच दिया जाता है। जबखरीदार को हकीकत पता चलता है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है।
विभागों के बीच तालमेल नहीं

पहाडि़यों पर हो रहे अवैध कब्जे के मामले में वन विभाग तथा एडीए व नगर निगम एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते हैं। अन्य महकमें पहाड़ी भूमि को वन विभाग की बताते हैं जबकि वन विभाग अतिक्रमण के मामले में कार्रवाई के लिए सम्बन्धित महकमों को जिम्मेदार ठहराता है। पहाड़ी तथा उसकी तलहटी में हो रहे अवैध निर्माण के कारण कभी भी गंभीर हाउसा हो सकता है। बरसात के दिनों में इसकी आशंका अधिक रहती है।
रोजाना 100 ट्रेन का आवागमन

अजमेर-अहमदाबाद रेल मार्ग पर दो रेलवे ट्रेक बिछे हुए हैं। इन लाइनों पर रोजाना अहमदाबाद, मुम्बई, रतलाम, जोधपुर के लिए अनेक सवारी गाडिय़ां तेज रफ्तार से निकलती है। इनमें अजमेर-नई दिल्ली शताब्दी, हरिद्वार-अहमदाबाद योगा एक्सप्रेस, बांद्रा-जयपुर-बांद्रा अरावली एक्सप्रेस, काठगोदाम-जोधपुर रानीखेत एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस, आश्रम एक्सप्रेस, अजमेर-अहमदाबाद इंटरसिटी एक्सप्रेस, अजमेर-अहमदाबाद पैसेंजर ट्रेन, अजमेर-रतलाम-जोधपुर सवारी गाडिय़ां चलती है। इसके अलावा इस ट्रेक पर प्रत्येक 10-15 मिनट में मालगाडिय़ों भी गुजरती है।
देर सवेर तय है बड़ी दुर्घटना
जेसीबी चालक की इस लापरवाही की वजह से रेल यातायात के हिसाब से व्यस्त इस रेल मार्ग पर कभी भी भीषण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। विशेष कर सवारी गाडिय़ों में हजारों यात्री सफर करते हैं। ट्रेनों की रफ्तार भी इतनी अधिक रहती है अगर पटरी पर जेसीबी फंस जाए तो ट्रेन रोकना संभव नहीं है। ऐसे में जेसीबी चालक सहित रेल प्रशासन की इस लापरवाही का खामियाजा निश्चित रुप से ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को भुगतना होगा।

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