अजमेर के निकटवर्ती ग्राम खोड़ा गणेश में दिन-रात जेसीबी घरघराती है। मजदूर गैंती-सब्बल और तगारियां लेकर पत्थर तोड़ते हैं। पहाडिय़ों से अंधाधुंध खनन कर निकाले जाने वाले पत्थरों को ट्रेक्टर ट्रॉलियों में भरकर बेचा जाता है। खनन माफिया पत्थर बेचकर धन कूट रहे हैं। कभी खनिज विभाग, पुलिस या प्रशासन इस क्षेत्र में दबिश भी देता है तो खनन माफिया कुछ दिन के लिए अपनी कारगुजारी बंद कर देता है। लेकिन कुछ समय बाद फिर ये गोरखधंधा शुरू हो जाता है। इससे अवैध खनन पर अंकुश नहीं पा रहा।
अवैध खनन को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों की शिकायतें भी पुलिस व प्रशासन नजरअंदाज कर देता है। हालात ये है कि क्षेत्र में पहाड़ के नाम पर सिर्फ पहाडिय़ां ही बची हुई हैं। खनन माफिया को किसी तरह का कोई भय नहीं। अगर समय रहते अंधाधुंध सिलसिला नहीं रुका तो पर्यावरण असंतुलन के गंभीर परिणाम देखने को मिलते रहेंगे।