इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कोविड एवं आपातकालीन सेवाओं को जारी रखा गया।आईएमए धौलपुर के सचिव डॉ. हरिओम गर्ग ने बताया कि वर्तमान में चिकित्सक, चिकित्साकर्मी एवं अस्पतालों में हिंसक घटना, तोडफ़ोड़ तथा झूठे मुकदमों की संख्या बढ़ी है। जिससे चिकित्सक एवं चिकित्सा संस्थान प्रबंधन परेशान हैं। विरोध प्रदर्शन में सरकारी एवं निजी सभी चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर अथवा दो घंटे का आउटडोर कार्य बहिष्कार कर भाग लिया।
आईएमए धौलपुर के संरक्षक डॉ. आर.एस.गर्ग ने बताया कि आईएमए केन्द्र एवं राज्य सरकार से मांग करती है कि अस्पतालों में चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए सख्त केन्द्रीय कानून लाया जाए। जिसमें दोषियों को 10 वर्ष की जेल व जुर्माना तथा तोडफ़ोड़ हानी की वसूली का सख्त प्रावधान हो। कानून को आईपीसी व सीआरपीसी में सम्मलित कर पुलिस कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
अस्पतालों में सुरक्षा के मापदंड तय कर पालना सुनिश्चित हो, ताकि चिकित्साकर्मी भयमुक्त माहौल में मरीजों का इलाज कर सकें। आईएमए धौलपुर संरक्षक डॉ. जे. डी. गोयल ने हाल ही में योग शिक्षक रामदेव की ओर से कोविड के मरीजों के इलाज को लेकर की गई टिप्पणी, अपनी जान गंवाने वाले 1000 चिकित्सकों का मजाक उड़ाने व कोविड वैक्सीन के बारे में अनर्गल टिप्पणी कर आम जनता को भ्रमित करने के जुर्म में एपिडेमिड एक्ट के तहत कार्यवाही करने की मांग की गई है।
इस दौरान विरोध प्रदर्शन में डॉ. राम लखन गोयल, डॉ अशोक जिंदल, पीएमओ डॉ. समरवीर सिंह, डॉ. वी डी व्यास, डॉ. हरिओम गर्ग, डॉ. अनुज गुप्ता, डॉ. आशीष शर्मा, डॉ. विष्णु सिंघल, डॉ. सुमित मित्तल, डॉ. सचिन त्यागी, डॉ. पवन बांदिल, डॉ. अरूण शर्मा, डॉ. गोविंद गोयल, डॉ. राजवीर बसु, डॉ. लोकेश अग्रवाल, डॉ. केशव भृगु, डॉ. धर्म सिंह आदि मौजूद रहे।