पत्रिका टीम ने मंगलवार को नसीराबाद स्थित पशु मंडी के हालात देखे। मंडी में सिर्फ व्यापारियों को आने की इजाजत है तथा आमजन का प्रवेश वर्जित है। फोटो या वीडियो बना ली तो समझ लीजिए आफत आ गई। पत्रिका टीम ने वाहनों की आड़ में सब कुछ देखा। जहां सैकड़ों पशुओं की खरीद-फरोख्त और वाहनों में लदान का काम चल रहा था। पिकअप में आधा दर्जन से ज्यादा बछड़े लादे जा रहे थे। इसी तरह मंडी के दूसरे छोर पर ट्रक में प्रदेश से बाहर भेजे जाने वाले सैकड़ों बड़े पशुओं का लदान चल रहा था।
वध के लिए जाने वाले पशुओं को भी नियमित भोजन, पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। लेकिन पशु मंडी से वाहनों में चढ़ाए जाने वाले मवेशियों को 12 से 24 घंटे तक दाना-पानी नहीं मिलता। ऐसे में कई मवेशी तो ट्रक में गंतव्य स्थान (स्लॉटर हाउस) तक पहुंचने से पहले दम तोड़ देते हैं।
नसीराबाद स्लॉटर हाउस व पशु मंडी में वही पशु लाए जाने चाहिए जो स्वस्थ हों। स्थानीय प्रशासन को नियमित निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करना चाहिए। पशुओं के परिवहन के दौरान भी नियमानुसार पशुओं की संख्या पर ध्यान दिया जाना चाहिए। व्यापारियों से समझाइश कर जागरूक किया जा सकता है। कार्रवाई का अधिकार सिर्फ पुलिस प्रशासन तक सीमित है। समिति समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों से पशु क्रूरता पर जनजागरुकता अभियान चलाता है।
पत्रिका-आप पशु मंडी पशु क्रूरता निवारण समिति में उपाध्यक्ष पद पर हैं?एसपी- मुझे पता नहीं है।
पत्रिका- मंडी से लदान होने वाले ट्रकों में ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है?