रसद विभाग ने प्रदेश के करीब 26 हजार राशन डीलर्स को गुणवत्ता सर्वधन, पॉस मशीन के संचालन में दक्षता व क्षमता निर्माण, एण्ड टू एण्ड कम्प्यूटराइजेशन और सप्लाई चैक मैनेजमेंट( एससीएम) से जोडऩे की दिशा में कवायद तेज कर दी है। राशन डीलर्स को तहसील स्तर पर आयोजित किए जाने वाले ट्रेनिंग कैम्प में कम्प्यूटर के साथ पॉस मशीन का बारीकी से तकनीकी ज्ञान दिया जा रहा है। ताकि राशन वितरण के दौरान आने वाली परेशानी को अपने स्तर पर निपटा जा सके।यह कर सकेंगे डीलर्सतकनीकी ज्ञान के बाद राशन डीलर्स पॉस मशीन के जरिए आने वाले अपडेट्स, राशन सामग्री को मशीन में चढ़ाने और वितरण कार्य अपने स्तर पर शुरू कर सकेंगे। उन्हें पॉस मशीन का एन्टीना, मदर बोर्ड की कार्य प्रणाली से भी अवगत करवाया जा रहा है, ताकि कोई तकनीकी खामी सामने आए तो उसे भी दुरुस्त किया जा सके।
राजीविका से जोडऩे का प्रयास रसद विभाग के अधिकारियों की मानें तो राज्य सरकार राशन डीलर्स के आय को बढ़ाने की दिशा में भी कदम उठा रही है। इसमें उन्हें राजीविका से जोडऩे के प्रयास किए जा रहे है। राशन डीलर्स को दिए जाने वाले प्रशिक्षण के दौरान उनसे इस पर राय ली जा रही है। प्रदेशभर में एकराय बनने पर ग्रामीण क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह से राशन की दुकानों को जोडऩे का काम शुरू होगा। इससे उनकी आजीविका का साधन बढ़ाने के साथ उपभोक्ताओं को ज्यादा सामग्री सस्ती दर में मिल सके।
पहले हो चुका है प्रयास भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी राशन डीलर्स की आय बढ़ाने की कवायद की गई थी। राशन की दुकान को अन्नपूर्णा भण्डार के रूम में विकसित किया गया था। जहां एक प्राइवेट कम्पनी के जरिए रोजमर्रा का सामान राशन की दुकान पर सस्ती दर पर मिल सके लेकिन प्रदेशभर में चुनिंदा राशन डीलर ही योजना से जुड़ सके।
इनका कहना है… राशन डीलर को एण्ड टू एण्ड कम्प्यूटर प्रशिक्षण व पॉस मशीन का तकनीकी ज्ञान दिया जा रहा है, ताकि राशन वितरण में कोई परेशानी ना आए। इसके अलावा राजीविका के तहत स्वयं सहायता समूह से जोडऩे के प्रयास किए जा रहे है। ताकिग्रामीण इलाकों में आमजन को आसानी से उत्पाद मिले और राशन डीलर्स की आय में भी बढ़ोत्तरी की जा सके। -अंकित पचार, जिला रसद अधिकारी