अजमेर

जनाब पर नजरें हैं इनकम टैक्स विभाग की, इतनी दौलत देखकर चौंके अफसर

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अजमेरNov 17, 2018 / 08:02 am

raktim tiwari

land deal scam

अजमेर.
आयकर विभाग राजस्थान की बेनामी निषेध यूनिट के बेनामी निषेध यूनिट की ओर से चाचियावास गांव में करोड़ों की 20 बीघा से अधिक बेशकीमती जमीन की जांच पूरी कर ली गई है। जांच में उक्त भूमि भगवंत एजुकेशनल फाउंडेशन चैयरमेन अनिल सिंह की बेनामी संपत्ति माना है। पूर्व में विभाग की ओर से अस्थायी जब्ती आदेश की पुष्टि कर दी है।
नहीं देखी मौके पर जमीन
आयकर विभाग को सूचना मिली थी कि वर्ष 2006 में बेशकीमती जमीनें विभिन्न विक्रय पत्रों के जरिए बुलंदशहर निवासी राधे नामक व्यक्ति के नाम से खरीदने लायक नहीं थी। बाद में वर्ष 2007 में जमीनों के नामांतरण राधे के नाम से खोल दिए। जांच में पता चला कि राधे की आर्थिक हालत ऐसी जमीनें खरीदने की नहीं थी यहां तक वह 2006 में अजमेर आए ही नहीं। यहां तक उसने मौके पर यह जमीनें भी नहीं देखी।
कराया प्रोविजनल अटैचमेंट

इन जमीनों का रूपांतरण करवाने के लिए राधे के नाम से अजमेर विकास प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र भी लगाया हुआ था। इस आधार पर जमीनों को प्रथम दृष्टया बेनामी मानते हुए अगस्त 2018 में इन जमीनों का प्रोविजिनल अटैचमेंट किया गया था और आगे की जांच शुरू की गयी थी।
जांच में पता चला कि अजमेर विकास प्राधिकरण में इन जमीनों के रूपांतरण के लिए आवेदन श्री राधे के नाम से भगवंत यूनिवर्सिटी ने किया था और इसके लिए आवेदन फ ीस भी भगवंत यूनिवर्सिटी ने अपने बैंक खाते से डिमांड ड्राफ्ट से जमा करवाई थी।
वर्ष 2010 से ही इन जमीनों के रूपांतरण के आवेदनों में श्री राधे के लोकल पत्राचार के फ र्जी पते पाए गए।

अनुसूचित जाति से संबंधित

ये बेशकीमती जमीनें बुलंदशहर के श्री राधे के नाम से भगवंत एजुकेशन फ ाउंडेशन एवं उसके चेयरमैन अनिल सिंह ने भगवंत एजुकेशन फ ाउंडेशन के द्वारा संचालित भगवंत यूनिवर्सिटी के फ ायदे के लिए खरीदीं। जमीनें अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के नाम से थीं जिन्हें केवल अनुसूचित जाति के व्यक्ति के नाम से ही खऱीदा जा सकता थाए इसलिए उन्होंने ये जमीनें श्री राधे के नाम से खरीदीं जो अनुसूचित जाति से सम्बंधित हैं।
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