इन दिनों बारिश का नया पानी आने से लोग पेट दर्द से पीडि़त रहने लगे हैं। खाना भी आसानी से नहीं पच रहा। कमजोर लीवर वालों के दस्त लग रहे हैं। इन दिनों खांसी-जुकाम के मरीज अधिक हैं। जिले के सरकारी अस्पतालों में मौसमी बीमारियों से पीडि़तों की संख्या बढ़ रही है। जिला मुख्यालय अजमेर के सरकारी और निजी अस्पतालों में खांसी-जुकाम के मरीज बढ़ रहे हैं।
बच्चों पर अधिक असर इस सीजन में बच्चे खांसी-जुकाम और उल्टी दस्त की चपेट में अधिक हैं। किशनगढ़ के राजकीय यज्ञनारायण चिकित्सालय के आउटडोर में रोजाना ७० से ८० रोगी रोज आ रहे हैं। इनमें से ६० से ७० संख्या तो केवल बच्चों की है। ऐसे में इन दिनों अभिभावकों को अपने बच्चों की देखभाल और बारिश से बचाने या फिर बीमार होने पर बच्चे का तत्काल उपचार कराने की जरूरत है।
बारिश के पानी में वायरस अधिक किशनगढ़ के यज्ञनारायण चिकित्सालय में सुबह-शाम के आउट डोर में मरीजों की संख्या का ग्राफ बढऩे लगा है। वर्तमान में अस्पताल में आउट डोर समय में रोगियों की संख ९०० से १००० के पार हो गई है। इनमें से 70 से 80 रोगी केवल खांसी, जुकाम और उल्टी दस्त के हैं। इन रोगियों में से भी 60 से 70 तो बच्चे रोगी है। इन दिनों खांसी, जुकाम और उल्टी दस्त रोग का वायरल फैल रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि सीजन में पानी दूषित होता है और बारिश में कई रोगों के वायरस भी पनपते है। यहीं कारण है कि इन सीजन में खांसी, जुकाम और उल्टी दस्त जैसे रोग अधिक होते हैं।
राजकीय यज्ञनारायण चिकित्सालय, किशनगढ़ के पीएमओ डॉ. अशोक जैन के अनुसार बारिश के दिनों में पानी के अधिक दूषित होने की संभावना रहती है। इस सीजन में मौसमी बीमारियों के वायरस भी पनपते हैं। इस सीजन में बच्चों का विशेषकर ध्यान रखना चाहिए।
सावधानी बरतने की जरूरत – बारिश में भीगने से बचें। – पानी छान कर या गर्म कर पीएं।
– कूलर या फिर खुले में पड़ी वस्तुओं में बारिश का पानी एकत्र न हो।
– खांसी, जुकाम होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श कर उपचार लें। मौसमी बीमारियों के रोगी बढ़े उल्टी-दस्त व खांसी-जुकाम के मरीजों में वृद्धि