राज्य सरकार की ओर से शक्ति दिवस पर आंगनबाड़ी केन्द्रों, विद्यालयों एवं चिकित्सा संस्थानों में 5 बर्ष तक के बच्चों के साथ अन्य उम्र के बच्चों व महिलाओं को दवा वितरित की जा रही है। एनीमिया मुक्त राजस्थान के लिए यह अच्छा पहल है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक सीएससी, पीएससी, चिकित्सा केंद्र, आंगनबाड़ी व स्कूलों में शक्ति दिवस मनाया जाएगा।
यह है प्रदेश में एनीमिया की स्थिति राजस्थान में एनीमिया रोग की दर में वृद्धि हुई है। राज्य में 71 प्रतिशत बच्चों में एनीमिया रोग है। 55 प्रतिशत महिलाएं, 60 से 65 प्रतिशत सभी वर्ग के वयस्क एवं 46 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं शामिल हैं।
एनीमिया का शरीर पर असर
-खून में आयरन की कमी से एनीमिया रोग होता है। - बच्चों में शारीरिक वृद्धि नहीं हो पाती।
- थकान महसूस होती है जिससे उनका मन खेलने-पढ़ने में भी नहीं लगता।
-खून में आयरन की कमी से एनीमिया रोग होता है। - बच्चों में शारीरिक वृद्धि नहीं हो पाती।
- थकान महसूस होती है जिससे उनका मन खेलने-पढ़ने में भी नहीं लगता।
-गर्भवती महिलाओं में खून की कमी से शिशु व माता की जान को भी खतरा।
-किशोरी, बालिकाओं में खून की कमी से थकान, चिड़चिड़ापन। -नाखून व बाल कमजोर होना।
'शक्ति दिवस' पर यह मिलेगा नोडल अधिकारी एसीएमएचओ डॉ एस.एस. जोधा ने बताया कि सभी व्यक्तियों की खून की जांच की जाएगी। जिनके खून में आयरन की कमी होगी उन्हें आयरन फोलिक एसिड टेबलेट एवं सिरप दिया जाएगा।
-किशोरी, बालिकाओं में खून की कमी से थकान, चिड़चिड़ापन। -नाखून व बाल कमजोर होना।
'शक्ति दिवस' पर यह मिलेगा नोडल अधिकारी एसीएमएचओ डॉ एस.एस. जोधा ने बताया कि सभी व्यक्तियों की खून की जांच की जाएगी। जिनके खून में आयरन की कमी होगी उन्हें आयरन फोलिक एसिड टेबलेट एवं सिरप दिया जाएगा।