मित्तल हॉस्पिटल अजमेर के पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. प्रमोद दाधीच ने परिचर्चा में पंजीकृत सदस्यों को पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से श्वास रोगों से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने पत्रकारों का आह्वान किया कि वे अपने लेखन से पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करें, जिससे अस्थमा व श्वास संबंधित रोगों से लोगों को बचाया जा सके। हमारे घरों के आसपास उगने वाली गाजर घास, बंदर की रोटी, विलायती बबूल के कारण श्वास रोग होते हैं। नालियों व नालों में जमने वाली काई के कारण फं गल संक्रमण, श्वास व एलर्जी की बीमारी होती है। स्लीप एप्निया व अन्य श्वास रोग व खर्राटे संबंधित रोगों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब भी उन्होंने दिए। उन्होंने बताया कि श्वास नलियों के सिकुडऩे के कारण खर्राटे आते हैं किन्तु सभी इसे समान्य मानते हैं जबकि यह स्थिति गंभीर रोग का संकेत है। शिविरार्थियों को हॉस्पिटल की डायटीशियन नौशिना खान की ओर से पोषाहार की सलाह दी गई। फिजियोथैरेपिस्ट की ओर से श्वास रोग संबंधी योगा,प्रणायाम समझाया जाएगा। शिविर में आने वालों की लम्बाई, वजन, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, पीक फ्लो मीटर से फेफ ड़ों की जांच, कम्प्यूटर से फेफ ड़ों की स्पायरोमिट्री जांच, स्मोक चेक मीटर से फेफ ड़ों की जांच नि:शुल्क की गई।
स्टॉप फ ार अस्थमा जागरुकता वॉक आज डॉ दाधीच ने बताया कि डब्ल्यू एचओ ने इस बार वल्र्ड अस्थमा दिवस की थीम स्टॉप फ ार अस्थमा रखी है। सोमवार को सुबह साढ़े छह बजे मित्तल हॉस्पिटल प्रांगण से शहर के एक सौ से अधिक चिकित्सक जागरुकता वॉक करेंगे। यह वॉक मित्तल हॉस्पिटल से माहेश्वरी पब्लिक स्कूल होते हुए यू टर्न कर वापस मित्तल हॉस्पिटल आकर समाप्त होगी।