हिंदी वेबपेज भी जरूरी
कुलपति ओम थानवी ने वेबसाइट के हिंदी संस्करण की आवश्यकता भी जताई है। थानवी का मानना है, कि विश्वविद्यालय से अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर जिले के ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थी-शोधार्थी सम्बद्ध हैं। इनके अलावा देश-विदेश के हिंदी भाषी विद्यार्थी भी जुड़े हुए हैं। वेबसाइट पूरी तरह अंग्रेजी में होने से हिंदी भाषी विद्यार्थी-शोधार्थी और आमजन को दिक्कतें होती हैं। राजस्थान में मूलत: हिंदी और मायड़ भाषा बोली जाती है। ऐसे में वेबसाइट का हिंदी संस्करण बनाया जाना जरूरी है।
कुलपति ओम थानवी ने वेबसाइट के हिंदी संस्करण की आवश्यकता भी जताई है। थानवी का मानना है, कि विश्वविद्यालय से अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर जिले के ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थी-शोधार्थी सम्बद्ध हैं। इनके अलावा देश-विदेश के हिंदी भाषी विद्यार्थी भी जुड़े हुए हैं। वेबसाइट पूरी तरह अंग्रेजी में होने से हिंदी भाषी विद्यार्थी-शोधार्थी और आमजन को दिक्कतें होती हैं। राजस्थान में मूलत: हिंदी और मायड़ भाषा बोली जाती है। ऐसे में वेबसाइट का हिंदी संस्करण बनाया जाना जरूरी है।
अब कंप्यूटर विभाग के जिम्मे
वेबसाइट पर सूचनाएं नियमित अपलोड नहीं होने की सूचना कुलपति तक पहुंची थी। खासतौर पर शिक्षण, शोध और पाठ्यक्रमों जुड़ी सूचनाएं अपलोड करने में विलंब जैसे कारण शामिल थे। प्रशासन ने एसीपी डॉ. जैन के बजाय वेबसाइट का कार्य कंप्यूटर विभागाध्यक्ष प्रो. नीरज भार्गव को सौंपा है। हालांकि प्रो. भार्गव के पास पहले भी यह जिम्मेदारी रही थी।
वेबसाइट पर सूचनाएं नियमित अपलोड नहीं होने की सूचना कुलपति तक पहुंची थी। खासतौर पर शिक्षण, शोध और पाठ्यक्रमों जुड़ी सूचनाएं अपलोड करने में विलंब जैसे कारण शामिल थे। प्रशासन ने एसीपी डॉ. जैन के बजाय वेबसाइट का कार्य कंप्यूटर विभागाध्यक्ष प्रो. नीरज भार्गव को सौंपा है। हालांकि प्रो. भार्गव के पास पहले भी यह जिम्मेदारी रही थी।
नहीं हुई अर्जी पर बहस, 5 नवंबर तक टली सुनवाई अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के घूस प्रकरण में निलंबित कुलपति रामपाल सिंह की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब अर्जी पर 5 नवम्बर को सुनवाई होगी। आरोपित की ओर से गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है।