कंप्यूटर आधारित सीटेट
सीबीएसई साल 2011-12 से केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटेट) करा रहा है। यह परीक्षा अब तक ऑफलाइन होती रही है। इस बार पहली मर्तबा कंप्यूटर आधारित (सीबीटी) परीक्षा होगी। यह परीक्षा 16 दिसंबर से 13 जनवरी तक कराई जाएगी। देशभर में 15 लाख से ज्यादा विद्यार्थी यह परीक्षा देंगे।
सीबीएसई साल 2011-12 से केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटेट) करा रहा है। यह परीक्षा अब तक ऑफलाइन होती रही है। इस बार पहली मर्तबा कंप्यूटर आधारित (सीबीटी) परीक्षा होगी। यह परीक्षा 16 दिसंबर से 13 जनवरी तक कराई जाएगी। देशभर में 15 लाख से ज्यादा विद्यार्थी यह परीक्षा देंगे।
फिजिक्स और गणित के बिना प्रवेश
राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में एआईसीटीई के निर्देशानुसार फिजिक्स और गणित के बगैर भी विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने होंगे। ऐसे विद्यार्थियों को बीटीयू और आरटीयू गणित-फिजिक्स का ब्रिज कोर्स पढ़ाया जाएगा, ताकि उन्हें दिक्कतें नहीं हों। इसके अलावा तकनीकी विश्वविद्यालयों के स्तर पर हिंदी में सिलेबस तैयार करने की शुरुआत की गई है।
राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में एआईसीटीई के निर्देशानुसार फिजिक्स और गणित के बगैर भी विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने होंगे। ऐसे विद्यार्थियों को बीटीयू और आरटीयू गणित-फिजिक्स का ब्रिज कोर्स पढ़ाया जाएगा, ताकि उन्हें दिक्कतें नहीं हों। इसके अलावा तकनीकी विश्वविद्यालयों के स्तर पर हिंदी में सिलेबस तैयार करने की शुरुआत की गई है।
सीबीसीएस और आनंदम कोर्स
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय और इससे सम्बद्ध कॉलेजों में आनंदम कोर्स को द्वितीय एवं तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं में सत्र 2021-22 से शुरू किया गया है। इसमें बीए, बीएससी एवं बीकॉम प्रथम वर्ष और एम.ए. पूर्वाद्र्ध के विषयों को जोड़ा जाएगा। यह एक अनिवार्य विषय होगा। इसके अलावा स्नातकोत्तर स्तर पर सीबीसीएस स्कीम भी इसी सत्र से लागू होगी। इसको लेकर जनवरी में संकायाध्यक्षों की समिति की बैठक में फैसला हुआ था।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय और इससे सम्बद्ध कॉलेजों में आनंदम कोर्स को द्वितीय एवं तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं में सत्र 2021-22 से शुरू किया गया है। इसमें बीए, बीएससी एवं बीकॉम प्रथम वर्ष और एम.ए. पूर्वाद्र्ध के विषयों को जोड़ा जाएगा। यह एक अनिवार्य विषय होगा। इसके अलावा स्नातकोत्तर स्तर पर सीबीसीएस स्कीम भी इसी सत्र से लागू होगी। इसको लेकर जनवरी में संकायाध्यक्षों की समिति की बैठक में फैसला हुआ था।
तीन साल बाद पीएचडी एन्ट्रेंस एग्जाम
विश्वविद्यालय तीन साल बाद पीएचडी प्रवेश परीक्षा का आयोजन करेगा। साल 2018 के बाद से यह परीक्षा नहीं हो पाई है। कला, वाणिज्य, विज्ञान, मैनेजमेंट, लॉ, सामाजिक विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को शोध करने के अवसर मिलेंगे।
विश्वविद्यालय तीन साल बाद पीएचडी प्रवेश परीक्षा का आयोजन करेगा। साल 2018 के बाद से यह परीक्षा नहीं हो पाई है। कला, वाणिज्य, विज्ञान, मैनेजमेंट, लॉ, सामाजिक विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को शोध करने के अवसर मिलेंगे।