डीन कमेटी को जुलाई से सितंबर की तनख्वाह, भत्तों और पेंशन स्वीकृति के लिए फिर लेखानुदान पारित करना पड़ेगा। कमेटी में प्रो. प्रवीण माथुर, प्रो. शिवदयाल सिंह और कार्यवाहक कुलसचिव भागीरथ सोनी शामिल है। कमेटी जल्द बैठक बुलाकर लेखानुदान को मंजूरी देगी।
वित्त विभाग ने विश्वविद्यालय को ग्रांट के रूप में 7.40 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इससे विश्वविद्यालय को वेतन-भत्ते, पैंशन देने में काफी सहूलियत हुई है। मालूम हो कि विश्वविद्यालय को सरकार से सालाना 3 करोड़ 60 लाख रुपए ही अनुदान मिलता है। जबकि शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन-भत्तों, सेवानिवृत्त कार्मिकों की पैंशन के रूप में विश्वविद्यालय को प्रतिमाह दो करोड़ रुपए देने होते हैं।