सोमवार को आईपीएस मेहरड़ा के समक्ष मदार निवासी परिवादिया प्राची अटारिया, पवन अटारिया समेत जमीन के विक्रेता रामचन्द्र समेत अन्य के बयान हुए। प्राची व पवन अटारिया ने बयानों में बताया कि उन्होंने अपने अन्तरजातीय विवाह पर मिली सरकारी मदद से रामचन्द्र से भूखण्ड खरीदा था लेकिन भूखण्ड पर निर्माण व निवास के दौरान गत दिनों अंगद शर्मा ने कॉल कर मालिकाना हक का दावा किया। काफी परेशान किए जाने पर उन्होंने अलवर गेट थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया।
फोटो कॉपी दिखाकर रजिस्ट्री पवन अटारिया ने बयानों में बताया कि रामचन्द्र ने उसे जमीन के चैन डॉक्यूमेंट की फोटो कॉपी दिखाकर रजिस्ट्री करवा दी। पड़ौसी होने के नाते वह भी चैन डॉक्यूमेंट बाद में लेने के विश्वास में रह गया। भूखण्ड लेने के बाद उसने निर्माण कार्य कराया। उसके बाद से वह निवास करता आ रहा है।
अब तक क्या पड़ताल में आया कि रामचन्द्र ने बीसी संचालक प्रमोद गुप्ता को सम्पति के दस्तावेज गिरवी रखकर रकम उठा ली। गुप्ता के जेल जाने के बाद रामचन्द्र ने प्राची व पवन अटारिया को भूखण्ड का बेचान कर दिया। इधर अंगद शर्मा ने जेल गए प्रमोद गुप्ता से सम्पति के दस्तावेज मनोज खंडेलवाल व अन्य के मार्फत अंगद शर्मा तक पहुंचे। अंगद शर्मा ने कौडिय़ों के दाम में मिल रहे भूखण्ड को खरीदकर उसे खाली करवाना चाहा लेकिन दांव उल्टा पड़ गया। जमीन पर काबिज प्राची व पवन अटारिया ने मुकदमा दर्ज करवा दिया।
अब तक छह हुए गिरफ्तार प्रकरण में अब तक भू-कारोबारी मनोज खंडेलवाल, प्रकाश रामचंदानी, नीतू टेवानी, मनोज गुरवानी, जयकिशन जादवानी, कम्प्यूटर ऑपरेटर मनीष व रामचन्द्र की गिरफ्तारी होने के साथ जमानत पर रिहा हो चुके है। प्रकरण के पड़ताल में आया कि प्राची व पवन सरिके शहर में सैकड़ों परिवार है जिन्हें प्रमोद गुप्ता के पास अपनी जमीन के दस्तावेज गिरवी रख रकम उधार ली थी। गुप्ता ने जमीनों के दस्तावेज शहर के भू-माफिया को रहन गिरवी रखकर पैसा उठाया था।
इनका कहना है जांच आईपीएस सुमित मेहरड़ा कर रहे हैं। प्रकरण के हर पहलू पर निष्पक्षता से जांच की जाएगी।
विकास कुमार, एसपी
विकास कुमार, एसपी