देश के विभिन्न आईआईटी में प्रवेश के लिए 20 मई को जेईई एडवांस-2018 परीक्षा ऑनलाइन होगी। इसके लिए करीब 1.64 लाख विद्यार्थियों ने पंजीयन कराया है। इस बार 20 मई को आईआईटी कानपुर जेईई एडवांस परीक्षा कराएगा। प्रथम पेपर सुबह 9 से 12 और द्वितीय पेपर दोपहर 2 से 5 बजे तक होगा। राजस्थान में अजमेर , अलवर, बीकानेर , जयपुर , जोधपुर , सीकर और उदयपुर में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे।
आगे के कार्यक्रम स्केन की हुई ओएमआर 22 से 25 मई जारी होगी। उत्तर कुंजी 29 जून और परिणाम 10 जून को जारी होगा। इसकी रैंकिंग के आधार पर विद्यार्थियों को देश की विभिन्न आईआईटी और इसके समकक्ष संस्थानों में प्रवेश मिलेंगे।
रीजनवार पंजीकृत विद्यार्थी गुवाहाटी-11,907
चेन्नई-38,231
मुम्बई-28, 913
दिल्ली-31,884
कानपुर-20,428
खडग़पुर-19,145
रुड़की-14,414 क्यों खास है जेईई एडवांस
जेईई एडवांस भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में दाखिलों के लिए होती है। पहले यह परीक्षा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी-जेईई के नाम से होती थी। साल 2012-13 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने आईआईटी में प्रवेश की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए परीक्षा को भागों में बांट दिया। इसके तहत जेईई मेन्स में उत्तीर्ण 2.24 लाख विद्यार्थी जेईई एडवांस परीक्षा देने के लिए पात्र होते हैं। यह परीक्षा देने के बाद ही उनका आईआईटी में प्रवेश होता है।
चेन्नई-38,231
मुम्बई-28, 913
दिल्ली-31,884
कानपुर-20,428
खडग़पुर-19,145
रुड़की-14,414 क्यों खास है जेईई एडवांस
जेईई एडवांस भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में दाखिलों के लिए होती है। पहले यह परीक्षा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी-जेईई के नाम से होती थी। साल 2012-13 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने आईआईटी में प्रवेश की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए परीक्षा को भागों में बांट दिया। इसके तहत जेईई मेन्स में उत्तीर्ण 2.24 लाख विद्यार्थी जेईई एडवांस परीक्षा देने के लिए पात्र होते हैं। यह परीक्षा देने के बाद ही उनका आईआईटी में प्रवेश होता है।
मील के पत्थर हैं आईआईटी
देश की आजादी के बाद विभिन्न आईआईटी की स्थापना हुई। यह संस्थान इंजीनियरिंग शिक्षा और शोध में मील का पत्थर माने जाते हंैं। देश में प्रौद्योगिकी के विकास और नवीन शोध में इनका बहुत योगदान हैं। इन्हें किसी व्यक्ति का कोई नाम नहीं देने पीछे मंशा यह है, कि ये सिर्फ देश के नाम से पहचाने जाएं। वक्त के साथ इनकी शैक्षिक गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है।
देश की आजादी के बाद विभिन्न आईआईटी की स्थापना हुई। यह संस्थान इंजीनियरिंग शिक्षा और शोध में मील का पत्थर माने जाते हंैं। देश में प्रौद्योगिकी के विकास और नवीन शोध में इनका बहुत योगदान हैं। इन्हें किसी व्यक्ति का कोई नाम नहीं देने पीछे मंशा यह है, कि ये सिर्फ देश के नाम से पहचाने जाएं। वक्त के साथ इनकी शैक्षिक गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है।
विद्यार्थी की पहली पसंद आईआईटी
विज्ञान वर्ग के प्रत्येक विद्यार्थी की पहली पसंद आईआईटी में पढऩे की होती है। इसके लिए विद्यार्थी दसवीं कक्षा से तैयारियां शुरू कर देते हैं। बारहवीं तक पहुंचते-पहुंचते विद्यार्थी कोचिंग संस्थानों में दो-तीन साल तक पढ़ाई करते हैं। इसके बाद वे जेईई मेन्स और जेईई एडवांस की परीक्षा देकर आईआईटी में एडमिशन की पात्रता हासिल करते हैं। आईआईटी में पढऩा अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों के मुकाबले काफी प्रतिष्ठित समझा जाता है। बी.टेक, एम.टेक करने के बाद विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय संस्थानों में नौकरी हासिल होती है। आईआईटी के बाद देश में आईआईएम को सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है।
विज्ञान वर्ग के प्रत्येक विद्यार्थी की पहली पसंद आईआईटी में पढऩे की होती है। इसके लिए विद्यार्थी दसवीं कक्षा से तैयारियां शुरू कर देते हैं। बारहवीं तक पहुंचते-पहुंचते विद्यार्थी कोचिंग संस्थानों में दो-तीन साल तक पढ़ाई करते हैं। इसके बाद वे जेईई मेन्स और जेईई एडवांस की परीक्षा देकर आईआईटी में एडमिशन की पात्रता हासिल करते हैं। आईआईटी में पढऩा अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों के मुकाबले काफी प्रतिष्ठित समझा जाता है। बी.टेक, एम.टेक करने के बाद विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय संस्थानों में नौकरी हासिल होती है। आईआईटी के बाद देश में आईआईएम को सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है।