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fraud-नेट बैकिंग एप अपडेट करने के फेर में संयुक्त निदेशक ऑनलाइन ठगी का शिकार

locationअजमेरPublished: Jul 01, 2022 03:06:56 pm

Submitted by:

manish Singh

क्रिश्चियन गंज थाने में मुकदमा दर्ज, साइबर सेल 1930 भी कर रही है पड़ताल
 

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fraud-नेट बैकिंग एप अपडेट करने के फेर में संयुक्त निदेशक ऑनलाइन ठगी का शिकार

अजमेर.जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग जयपुर के संयुक्त निदेशक कृष्ण कुमार सैनी नेट बैकिंग एप को अपडेट करने के फेर में 49 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए। ठग ने सैनी के मोबाइल फोन पर नेट बैकिंग के एसबीआई योनो एप को अपडेट करने का लिंक भेजा था। लिंक क्लिक करते ही सैनी के बैंक खाते से रकम की निकासी हो गई। खास बात यह रही कि शातिर ठग ने सैनी को क्विक सपोर्ट एप के जरिए फिर से ठगी का शिकार बनाना चाहा लेकिन सैनी ने समय रहते उसकी बातों को भांप लिया। क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी का मामला दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।
पुलिस के अनुसार माकड़वाली रोड पंचशील नगर ए 302 निवासी कृष्ण कुमार सैनी ने रिपोर्ट में वह जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग जयपुर के संयुक्त निदेशक के पद पदस्थापित है। उन्होंने बताया कि 19 जून को उसके मोबाइल पर एसबीआई योनो नेट बैंकिंग सेवा बंद करने का मैसेज आया। मैसेज में एप पर पैन कार्ड अपडेट करने के निर्देश दिए गए। उसने रात 8 बजे बाजार से लौटने के बाद मैसेज पढ़ा तो यह मानते हुए कि बैंक प्रबंधन ने अपडेट के लिए मैसेज किया है। उसने लिंक को क्लिक किया। लिंक क्लिक करने से योनो एप्लीकेशन के समान पेज मोबाइल फोन पर खुल गया। उसमें योनो पासवर्ड, यूजर आईडी भर दी। दूसरे पेज पर उसका ई-मेल आईडी व ई-मेल पासवर्ड यह सोचते हुए भर दिए कि बैंक को इसकी आवश्यकता है। उसने अपना मोबाइल फोन नम्बर सहित तमाम सूचनाएं भरकर सब्मिट कर दी। इसके तुरन्त बाद मोबाइल फोन के मैसेज बॉक्स में आए मैसेज में उसके बैंक खाते से 49 हजार रुपए की निकासी हो गई।
…निकासी के बाद आया कॉल

सैनी ने रिपोर्ट मे बताया कि रकम निकासी के तुरन्त बाद उसके फोन पर कॉल आया। कॉलर ने कहा कि वह एसबीआई मुम्बई हेड ऑफिस से बोल रहा है। आपके खाते से किसी ने गलत तरीके से 50 हजार रुपए की निकासी कर ली है। रकम वापस पाने के लिए उसने प्ले स्टोर से एसबीआई क्विक सपोर्ट एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा। जिससे उसके रूपए वापस खाते में जमा करवाए जा सकेंगे। सैनी ने कॉलर से वास्तव में एसबीआई बैंक से बोलने की बात कही तो उसने अपना नाम गजेंद्र चौहान बताते हुए एसबीआई मुम्बई शाखा से बोलने की जानकारी दी।
…मैने ओटीपी पूछा क्या

सैनी ने बताया कि कॉलर के कहने पर एसबीआई क्विक सपोर्ट एप्लीकेशन डाउन लोड कर ली। वापस एप पर क्लिक करने से पहले उसने कॉलर से फिर पूछा कि क्या वह बैंक से ही बोल रहे है, कहीं धोखादड़ी तो नहीं कर रहे। तो कॉलर ने जवाब में कहा कि क्या उसने ओटीपी पूछा, क्या आप पैसा वापस लेना चाहते हैं। सिर्फ 15 मिनट में आपको पैसा वापस मिल जाएगा अन्यथा आपका पैसा चला जाएगा और मैं फोन बंद कर देता हूं। उसने जैसे क्लिक किया उसका मोबाइल हैक हो गया। मोबाइल फोन हैक होते ही उन्हें संदेह हो गया। उन्होंने एप्लीकेशन हटाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं रहे। उसने मोबाइल फोन बंद करने का प्रयास किया। आखिर कुछ देर बाद मोबाइल ने पुन: काम करना शुरू कर दिया।
हिन्दी में शिकायत पर एफआईआर

सैनी ने एसबीआई कस्टमर केयर पर सूचित किया तो उनकी सलाह पर एसबीआई बैंक एटीएम कार्ड, यूपीआई, नेट बैंकिंग को बंद करवाया और शिकायत दर्जकर साइबर क्राइम के टोल फ्री नम्बर 1930 पर शिकायत दी। दूसरे दिन उसकी पत्नी ने थाने में एफआईआर दी लेकिन पुलिस ने शिकायत अंग्रेजी में होने की बात कही। इसके बाद हिन्दी में शिकायत स्वयं लेकर उपस्थित होन पर क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस ने मुकदमा दर्जकर किया।
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