scriptोगी को होश में रख ‘बातों-बातोंÓ में ही निकाला ब्रेन ट्यूमर | Keeping the patient conscious, brain tumor was removed only in 'talks' | Patrika News

ोगी को होश में रख ‘बातों-बातोंÓ में ही निकाला ब्रेन ट्यूमर

locationअजमेरPublished: Sep 05, 2021 02:31:54 am

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रोगी की आवाज बचाए रखने के लिए चिकित्सकों ने बातचीत करते हुए की एवेक क्रैमियोटॉमी सर्जरी, न्यूरो सर्जन सुशील आचार्य व निश्चेतन विभाग के डॉ. खरे की टीम को मिली बड़ी कामयाबी

ोगी को होश में रख 'बातों-बातोंÓ में ही निकाला ब्रेन ट्यूमर

ोगी को होश में रख ‘बातों-बातोंÓ में ही निकाला ब्रेन ट्यूमर

अजमेर. जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग में पहली बार ब्रेन ट्यूमर के मरीज की एवेक क्रैमियोटोमी सर्जरी करने का दावा किया गया है। इस सर्जरी में ब्रेन ट्यूमर के आसपास के टिश्यू को नुकसान से बचाने और वॉइस पॉवर को बरकरार रखने के लिए मरीज से बात करते-करते ब्रेन ट्यूमर निकाला गया।
जेएलएन चिकित्सालय अजमेर में निश्चेतन एवं न्यूरोसर्जरी विभाग के संयोजन में शनिवार को एवेक क्रैमियोटॉमी सर्जरी हुई। 6 दिन पहले न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती हुई राजसमंद जिले की भीम निवासी कमला देवी (65) सिरदर्द, बेहोशी एवं उल्टी से पीडि़त थी। मरीज को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, थॉयराइड तथा प्लेटलेट की कमी भी थी। सिर में चोट लगने से खून का थक्का जमा हुआ था।
सिर में थी बड़ी गांठ

न्यूरो सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. सुशील आचार्य को मरीज के परीक्षण एवं जांच में सिर के अग्रिम एवं दाहिने भाग के दिमाग के हिस्से में बड़ी गांठ होना पता चला। गांठ के दबाव से रोगी के बोलने एवं हाथ-पैर के मांसपेशियों की शक्ति प्रभावित हो रही थी।
बेहोश करना था खतरनाक. .
न्यूरो सर्जन ने आपरेशन प्रक्रिया के दौरान रोगी को बेहोश करने पर बोलने की शक्तिएवं मांसपेशी में कमजोरी आने की आशंका व्यक्त करते हुए
निश्चेतना विभागाध्यक्ष से मरीज को एनेस्थीसिया नहीं देने पर चर्चा की। इस विधि से की जाने वाली एवेक क्रैमियोटॉमी सर्जरी के दौरान निश्चेतना विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. वीना पटौदी ने वरिष्ठ आचार्य डॉ. अरविन्द खरे को देखरेख का जिम्मा सौंपा।
होश में रही रोगी. .ना दर्द हुआ

निश्चेतना विभाग से डॉ. कविता जैन, डॉ. बीना माथुर, डॉ. खरे, डॉ. कुलदीप एवं डॉ. दीपिका की टीम ने मरीज को ऑपरेशन से पूर्व मरीज की जांच की तथा मरीज को होश में रखकर सर्जरी करवाने की तैयारी की। इसमें मरीज को स्कैल्प ब्लॉक तथा इन्जेक्शन दिए इससे मरीज होश में रहा। ऑपरेशन के समय मरीज के दर्द भी नहीं हुआ और वह सर्जन के आदेश की पालना भी करती रही। इस सर्जरी को डॉ. सुशील आचार्य ने 2 घंटे में पूर्ण की तथा मरीज सर्जिकल आईसीयू में चिकित्सकों की देख-रेख में है तथा पूर्ण स्वस्थ है।
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