ख्वाजा फखर के जयकारों की गूंज से कस्बे में उर्स की रौनक परवान पर रही। जायरीन मजार शरीफ पर फू ल-चादर पेश कर मन्नत मांग रहे हैं। दरगाह मुतवल्ली मोहम्मद युसूफ खान, अब्दुल सलाम, शहजाद भाई आदि व्यवस्थाएं संभालने की मशक्कत में रहे। थाना प्रभारी रामचंद्र कुमावत भी जाप्ते के साथ डटे रहे।
मेला चौक में लंगर तक्सीम करने की जायरीन में होड़ सी मची है। गणेश तालाब स्थित विश्राम स्थली से लेकर दरगाह तक दुकानदारों ने अपने डेरे जमा रखे हैं। कव्वालियों के स्वर भी दरगाह परिसर में ख्वाजा के चाहने वालों को अपना मुरीद किए हुए हैं। दरगाह के शाही कव्वाल अब्दुल गफू र और उनके साथी कलाकार यहां दरगाह में ख्वाजा की शान में कव्वालियां पेश कर जायरीन को आकर्षित कर रहे हैं।
उर्स का समापन सोमवार को बड़े कुल की रस्म के साथ होगा। सुबह दरगाह परिसर की केवड़ा, गुलाब आदि सुगंधित द्रव्यों के जल से धुलाई की जाएगी। खुद्दामे-ख्वाजा मजार शरीफ को गूसल देंगे और सुबह करीब ९.१५ बजे जल के छींटे देकर बड़े कुल की रस्म अदा की जाएगी। इससे पूर्व अंतिम महफि ल का आयोजन भी होगा, जिसमें अजमेर दरगाह के शाही कव्वाल असरार हुसैन कव्वालियां पेश करेंगे।