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Airport campaign: बोले टीचर्स-अजमेर की शान है किशनगढ़ एयरपोर्ट, शुरू होनी चाहिए रेग्यूलर फ्लाइट्स

locationअजमेरPublished: May 20, 2018 08:33:09 pm

Submitted by:

raktim tiwari

किशनगढ़ से फ्लाइट मिलने पर देश-विदेश के विजिटिंग प्रोफेसर, विद्वानों और शिक्षकों की आसानी से आवाजाही होगी।

flights from kishangarh airport

flights from kishangarh airport

मदनगंज-किशनगढ़/अजमेर

किशनगढ़ हवाई अड्डे से नियमित उड़ान का शैक्षिक जगत को भी इंतजार है। आठ महीने बाद भी नियमित फ्लाइट्स नहीं चलने से शिक्षक, विद्यार्थी और शोधार्थी परेशान हैं। इनका मानना है कि जिले के शैक्षिक उन्नयन के लिए किशनगढ़ हवाई अड्डे की विभिन्न शहरों से एयर कनेक्टिविटी जरूरी है। मौजूदा वक्त उन्हें फ्लाइट के लिए जयपुर या दिल्ली जाना पड़ता है। किशनगढ़ से फ्लाइट मिलने पर देश-विदेश के विजिटिंग प्रोफेसर, विद्वानों और शिक्षकों की आसानी से आवाजाही होगी। स्थानीय शिक्षकों, विद्यार्थियों को भी दूसरे शहरों में आने-जाने में सहूलियत मिलेगी।
देश-विदेश के शिक्षा विशेषज्ञ बुलाए जा सकेंगे

इंटरनेशनल गेस्ट, प्रोफेसर, विशेषज्ञ और फैकल्टी का यूनिवर्सिटी आना-जाना रहता है। इनका काफी बिजी शेड्यूल होता है। यदि दिल्ली और मुम्बई के लिए नियमित फ्लाइट शुरू होती है तो इससे राजस्थान केंद्रीय विवि और यहां आने वाले गेस्ट को भी काफी फायदा होगा। देश विदेश के विशेषज्ञों को कॉन्फ्रेंस इत्यादि के लिए बुलाया जा सकेगा। किशनगढ़ एयरपोर्ट अजमेर के एज्युकेशन हब बनने में भी मददगार साबित होगा। इंटरनेशनल स्टूडेंट्स भी अध्यापन के लिए यूनिवर्सिटी आ सकेंगे। वर्तमान में 50 प्रतिशत स्टूडेंट्स भारत के कई राज्यों (दक्षिण एवं पूर्वी भारत) से आते हैं और तकरीबन 40 प्रतिशत छात्राएं यूनिवर्सिटी में अध्यापन कर रही हैं। बड़े शहरों के लिए नियमित सीधी किशनगढ़ के लिए फ्लाइट होती है तो बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स का समय बचेगा।
प्रो. ए. के. पुजारी, कुलपति, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय

बड़े शहरों से तत्काल हो एयर कनेक्ट

अजमेर शुरू से राजस्थान में शैक्षिक दृष्टि से अग्रणी रहा है। यहां मेयो कॉलेज, मेयो कॉलेज गल्र्स स्कूल, एमडीएस विश्वविद्यालय, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज और अन्य संस्थाएं हैं। सालभर तक इन संस्थाओं में शैक्षिक कार्यक्रम चलते हैं। किशनगढ़ हवाई अड्डा शुरू हो जाए तो प्रख्यात विशेषज्ञ, प्रोफेसर, शिक्षक और विद्यार्थियों को सुविधा मिलेगी। फ्लाइट्स के लिए जयपुर या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। किशनगढ़ हवाई अड्डा वास्तव में जिले के शैक्षिक उन्यन के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसको तत्काल बड़े शहरों से एयर कनेक्ट करना चाहिए।
– प्रो. प्रवीण माथुर, डीन और विभागाध्यक्ष पर्यावरण विज्ञान, मदस विवि

अजमेर की शैक्षिक पहचान को और बढ़ावा मिलेगा

अजमेर जिले में हवाई अड्डे का बरसों से इंतजार रहा है। किशनगढ़ एयरपोर्ट बन भी चुका है। यहां से अविलम्ब फ्लाइट्स शुरू होनी चाहिए। कई बार दूसरी संस्थाओं के विशेषज्ञ या कोई टीम अजमेर या आस-पास एयरपोर्ट नहीं होने का तर्क देकर नहीं आती हैं। वैसे इसका सर्वाधिक फायदा युवाओं को मिलेगा। अजमेर के इंजीनियरिंग कॉलेज में सिविल एविएशन के कोर्स शुरू होंगे। कॉलेज और विश्वविद्यालयों में अन्य प्रदेशों के विद्यार्थियों-शिक्षकों की आवाजाही बढ़ेगी। प्रदेश के कॉलेज रीडर्स, प्रोफेसर को भी अन्य प्रांतों में शोध और शैक्षिक कामकाज के लिए आने-जाने में सुविधा होगी।
-डॉ. आलोक चतुर्वेदी, रीडर केमिस्ट्री, एसपीसी जीसीए

विद्यार्थियों को भी मिलेगा लाभ
मेयो कॉलेज और मेयो गल्र्स में अधिकांश छात्र-छात्राओं का भारत के विभिन्न प्रांतों से ताल्लुक है। इन्हें फ्लाइट्स के लिए जयपुर या दिल्ली जाना पड़ता है। किशनगढ़ एयरपोर्ट से नियमित फ्लाइट शुरू होंगी तो सर्वाधिक फायदा विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को होगा। उन्हें अजमेर आने-जाने में आसानी होगी। इसके अलावा कई विशिष्ट और अति विशिष्ट अतिथि, विशेषज्ञों और शैक्षिक जगत के लोगों को त्वरित हवाई यात्रा सुलभ होगी।
– डॉ. अचलदीप दुबे, मेयो कॉलेज

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