उन्होंने बताया कि हवाई अड्डे के निर्माण में केन्द्र और राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए का निवेश किया है, लेकिन नियमित उड़ाने प्रारंभ नहीं होने से इसका फायदा नहीं हो रहा है। किशनगढ़ एक बड़ा औद्योगिक केन्द्र है, जहां विदेशों से भारी मात्रा में मार्बल क्रय करने के लिए काफी संख्या में व्यवसायी एवं उद्यमी आते हैं। उन्हें वापस विदेश जाने के लिए दिल्ली एवं मुम्बई हवाई अड्डे से फ्लाइट पकडऩी पड़ती है।
ट्रेनों के ठहराव की मांग
ट्रेनों के ठहराव की मांग
किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश टांक ने रेलमंत्री को पत्र लिखकर आगरा फोर्ट-अजमेर इंटरसिटी एक्सप्रेस एवं अजमेर-हैदराबाद का ठहराव किशनगढ़ के रेलवे स्टेशन पर करवाने की मांग की। उन्होंने पत्र में बताया कि अजमेर-आगरा इंटरसिटी एक्सप्रेस एक अप्रेल से प्रारंभ होगी। इसमें फुलेरा जंक्शन पर ठहराव प्रस्तावित है।
इसके समय में कटौती कर किशनगढ़ रेलवे स्टेशन पर उक्त ट्रेन का ठहराव किया जा सकता है। इसी प्रकार अजमेर ? हैदराबाद यात्री गाड़ी को भी 2 अप्रेल से जयपुर तक विस्तारित किया जा रहा है। उक्त गाड़ी के ठहराव से भी किशनगढ़ रेलवे स्टेशन को वंचित किया गया है। यह यहां की जनता के साथ भेदभाव है।
नहीं बढ़ रही फ्लाइट्स बीते साल अक्टूबर में नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा ने किशनगढ़ एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था। यहां केंद्र और राज्य सरकार ने मुम्बई, दिल्ली, बेंगलूरू और अन्य शहरों के लिए फ्लाइट्स चलाने की घोषणा की थी। इसके बावजूद किशनगढ़ एयरपोर्ट से सिर्फ दिल्ली और उदयपुर की फ्लाइट शुरू हुई है। लेकिन यह भी एक या दो चक्कर ही लगाती है। इसके चलते एयरपोर्ट का समुचित उपयोग नहीं हो रहा है। फ्लाइट्स की संख्या बढ़े बिना अजमेर जिले के यात्रियों को सुविधा मिलनी मुश्किल है।